भगोरिया में परंपराऔर आधुनिकता का समागम, उत्साह चरम पर
50 से अधिक मांदल बज रहे थे
<p>भगोरिया में परंपराऔर आधुनिकता का समागम, उत्साह चरम पर</p>
झाबुआ.भगोरिया का उत्साह तीसरे दिन चरम पर रहा। ढेकल में लोकपर्व भगोरिया की मस्ती छाई रही। लगभग 8 से 10 हजार लोग यहां मेले में पहुंचे। युवक -युवतियां परम्परागत वस्त्रों में सजे-धजे मेले में पहुंचे। लगभग 50 से अधिक मांदल बज रहे थे। लोगों ने मांदल की थाप पर परंपरागत नृत्य किया। जनजातीय समुदाय के परिधानों में आधुनिकता का समागम भी देखने को मिला। ग्रामीण अंचल के रहवासी भी अपने एंड्रॉयड फ ोन पर सेल्फ ी लेते दिखे। अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए ही दिखाई दिए। रोड के किनारे खेत में मेले का आयोजन हुआ। झूले चकरी पास-पास में लगाए, जिससे भगोरिया स्थल पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी। झूले में भी लोगों को ठूस ठूस के बैठाया गया। बच्चे युवा सभी वर्ग के लोगों ने हाथ में टैटू बनवाया। पान की दुकान और कुल्फ ी के अतिरिक्त सबसे ज्यादा भीड़ बर्फ के गोले खाने के लिए जुटी। सडक़ पर थोड़ी-थोड़ी देर में जाम लगता रहा। मेले में आने वाले लोगों में फोटो खींचने का भी क्रेज रहा।