अंधेरा होते ही वे खेत में सो गए थे दंपत्ति
पिपलिया गांव के निवासी मृतक आनंद खराड़ी ( Anand Kharadi ) के पिता मजहरव खराड़ी ने बताया कि वे जल्दी खेत छोड़ने जा रहे थे, लेकिन खेत में काम के चलते खेत से नहीं जा पाए तो रात के अंधेरे वे खेत में सो गए। रात में तेंदुए ने आनंद को पकड़ लिया और उसे खेत से 200 मीटर दूर एक पहाड़ी से नीचे खींच लिया। वन अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए के पगमार्क से बच्चे की तलाश की। वन विभाग के अधिकारी राकेश कुमार कहा कि उनके परिजनों को वन विभाग से 4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
बच्चे को मुंह में दबाकर भाग गया
बच्चे के पिता मंजराव खराड़ी ने बताया कि जब वे सो रहे थे तभी पास में तेंदुआ आया और बच्चे को मुंह में दबाकर भाग गया। तेंदुए ने बच्चे के मुंह और पैर के पास का सारा मांस नोंच लिया। हल्ला गुल्ला मचाने पर गांव के लोग आए लेकिन तब तक तेंदुए ने बच्चे को मार दिया। गांव के लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को पीएम के लिए अस्पताल भेज दिया।
बच्चे के चेहरे और पैर से मांस खा लिया
इस हमले में बच्चे की मौत हो गई। तेंदुए ने बच्चे के मुंह और पैर के पास का सारा मांस नोंच लिया। रेंजर राम सिंह ने बताया कि तेंदुए जंगलों में तो रहते ही हैं, लेकिन शायद ही कभी इंसानों पर हमला करते हैं। हमला आमतौर पर मवेशियों पर होता है, वह भी गर्मियों के मौसम के दौरान जब जंगल में भोजन दुर्लभ होता है।