9 तारीख को और बढ़ जाती है परेशानी
दरअसल, हर माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत हर गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क जांच शिविर का आयोजन जिला अस्पतालों में किया जाता है। इसी कड़ी में हर माह की 9 तारीख को जिला अस्पताल में भी बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं जांच के लिए पहुंचती है मगर उस दिन भी 25 से ज्यादा महिलाओं की जांच नहीं होती। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन बाकी महिलाओं को सोनोग्राफी जांच के लिए चांपा के एक निजी सेंटर में भेजते हैं मगर इसके लिए ओपीडी टाइम खत्म होने तक इंतजार कराया जाता है। ऐसे में कई महिलाएं वापस लौट जाती है। जबकि 9 तारीख को स्पष्ट निर्देश रहता है कि अस्पताल तक पहुंचे हर महिला की पूरी जांच हो। मगर रेडियोलॉजिस्ट की कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन भी बेबस नजर आता है।
पीएम या इमरजेंसी ड्यूटी हुई तो सोनोग्राफी बंद
इसके अलावा जिस दिन रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सिदार की पोस्टमार्टम ड्यूटी या इमरजेंसी ड्यूटी लगा दी जाती है, उसके अगले दिन सोनोग्राफी नहीं हो पाती। ऐसे में उक्त तारीख को अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए पहुंची महिलाओं को अगले दिन की तारीख दे दी जाती है।