मड़वा पावर प्लांट में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हथियाने का आरोप, अब हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

<p>हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश</p>
जांजगीर-चांपा. मड़वा पावर प्लांट में जमीन के कागजात में कूटरचना कर नौकरी लगाने का मामला सामने आया है। भूमि के वास्तविक स्वामी ने अपने ही रिश्तेदार के उपर आरोप लगाते हुए कहा है कि बटंवारे की जमीन में कूटरचना कर नौकरी लगाई गई है। इसकी शिकायत नैला पुलिस चौकी के अलावा आला पुलिस अफसरों से की गई है।
इतना ही नहीं भूमि स्वामि ने मामले की हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में अनावेदकों से जवाब मांगा है।


नैला चौकी अंतर्गत ग्राम सरखों निवासी सुखराम राठौर 80 पिता उदेराम ने नैला चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका मड़वा तेंदुभांठा में 1107 रकबा .35 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ राज्य ताप विद्युत उत्पादन कंपनी द्वारा अर्जित किया है। उक्त भूमि में पावर प्लांट स्थापित है। नियम के मुताबिक भूमि के बदले पावर प्लांट में नौकरी देने का प्रावधान है। चाहे भूमि स्वामि हो या उसके पुत्र में किसी भी एक को नौकरी देना जरूरी है।
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सुखराम राठौर का आरोप है कि तेंदुभांठा निवासी रामनारायण राठौर पिता हरिप्रसाद उसका फर्जी हस्ताक्षर कर नौकरी हथिया लिया है। फरियादी का आरोप है कि वह किसी भी दस्तावेज में हस्ताक्षर नहीं किया है। उसका कहना है कि नाती तूफान सिंह राठौर पिता बरातू राठौर के पक्ष में सहमति एवं शपथ पत्र तैयार कर नौकरी के लिए फार्म जमा किया था। लेकिन रामनारायण राठौर द्वारा स्टाम्प क्रमांक 256810 में 8-4-2011 को काटकर 21-8-2011 में नोटरी से पंजीयन करा लिया है।
जो कि उपरोक्त स्टाम्प की खरीदी 8-4-2011 में कूटरचना कर 21-8-2011 बनाकर उसमें फर्जी दस्तखत कर नौकरी पा लिया है। रामनारायण राठौर द्वारा नौकरी के नाम पर फर्जी कागजात तैयार कर नौकरी कर रहा है। इसकी शिकायत नैला चौकी में किया था। जिसकी कोई सुनवाई नहीं की गई। इससे क्षुब्ध होकर उसने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। हाईकोर्ट में इस मामले का केस लंबित है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए मड़वा पावर प्लांट प्रबंधन से जवाब मांगा है।


हर रहे हीला हवाला
छत्तीसगढ़ राज्य ताप विद्युत उत्पादन कंपनी के मैनेजरों द्वारा इस संबंध में हीला हवाला किया जा रहा है। जिससे पीडि़त परिवार के बरातू राम राठौर का कहना है कि जब तक उनकी नौकरी नहीं लगेगी। तब तक वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। चाहे उसे जो कुछ भी करना पड़े। बरातू राम राठौर का आरोप है कि कंपनी के मैनेजरों द्वारा मामले की जांच में कोताही बरती जा रही है। एक अफसर दूसरे अफसर पर दोष मढ़ रहे हैं। जिससे पीडि़त पक्ष परेशान हैं।


-नौकरी से संबधित में कुछ बात नहीं कर सकता। इस संबंध में एडिशनल जनरल मैनेजर जैन साहब से बात कर लीजिए।
-रमेश कुमार रॉव, जनरल मैनेजर, छत्तीसगढ़ राज्य ताप विद्युत उत्पादन कंपनी
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