एक जवान शहीद…
हुआ यूं कि बुधवार को जम्मू—कश्मीर के बारामूला जिले सोपोर में आतंकियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमाल कर दिया। मस्जिद में छिपे आतंकी जवानों पर गोलियां बरसा रहे थे। इस गोलीबारी की चपेट में आने से राजस्थान के सीकर जिले में बावड़ी गांव निवसी सीआरपीएफ दीपचंद वर्मा शहीद हो गए। जबकि तीन जवान घायल हो गए। इनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हृदयविदारक तस्वीर आई सामने…
इस मुठभेड़ के दौरान एक हृदयविदारक घटना भी देखने को मिली। आतंकियों की गोली से एक नागरिक की मौत हो गई। वह अपने पोते को लेकर वहां से गुजर रहा था इसी बीच आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। दादा की मौत के बाद मासूम पोता शव के इर्द गिर्द घूमने लगा। थकहारकर वह शव पर ही बैठ गया। आतंकियों का सामना कर रहे जवानों की नजर बच्चे पर पड़ी। उन्होंने बच्चे को गोलीबारी से बचाने के लिए अपने वाहनों की आड़ ली। बिलखते बच्चे को बाद में सुरक्षाबलों के जवानों ने सुरक्षित घर पहुंचा दिया।
खुद जवान बता रहा, क्या हुआ था मुठभेड़ स्थल पर (Sopore Encounter Video)
देश विरोधी तत्वों की साजिश जारी…
लेकिन देशविरोधी तत्वों ने इस दृश्य को गलत पेश करने की मुहिम सोशल मीडिया पर छेड़ दी। ट्वीटर पर #KashmirBleeds,#KashmiriLivesMatter जैसे ट्रेंड चलाए गए। मुठभेड़ के दौरान की तस्वीरों को गलत पेश करते हुए इनमें स्थानीय नागरिक की मौत के लिए भारतीय सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराया गया है। पड़ताल करने पर सामने आया कि ऐसा करने वाले अधिकतर ट्वीटर यूजर या तो पाकिस्तान के थे या उनकी प्रोफाइल फोटो पर ही पाकिस्तान का झंडा लगा हुआ था। ऐसा करके पाकिस्तान और उसके गुर्गे घाटी में वैमनस्य फैलाना चाहते हैं। यह तक बात भी सामने आई है कि पाकिस्तानी ट्वीटर हैंडल की तरफ से लोगों को इस तरह के प्रोपगेंडा को प्रमोट करने के लिए प्रेरित तक किया जा रहा है।
अफवाह पर ना दें ध्यान…
यहां बता दें कि जिस नागरिक की मौत हुई है उसके परिजनों ने सुरक्षाबलों की जवान पर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया है। इधर पुलिस ने भी साफ किया है कि ऐसा कुछ नहीं है और सोशल मीडिया पर जो ऐसी बातें फैलाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।