जिंदगी को बेहतर बनाने का फैसला चुनाव
राज्यपाल मलिक ने डॉ. फारूक की हिम्मत की दाद देते हुए कहा कि जो बात आप कह सकते हो कोई नहीं कर सकता। डा फारुक ने कहा कि यह चुनाव कोई हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का फैसला नहीं है बल्कि अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने का फैसला है।
हमारे खून पर जिंदा है उपद्रव करने वाली ताकते
डॉ. फारूक ने कहा कि कुछ ताकतें कोशिश करेंगी कि यह चुनाव नहीं हों क्योंकि उनकी रोटी हमारी मुसीबतों से ही पकती है। उन्होंने कहा आज के समय में होटल, हाउसबोट, शिकारे सभी खाली पड़े हैं। वहां के व्यवसायी रो रहे हैं। डॉ. फारूक ने कहा कि मैं राज्यपाल के सामने यह बात कह रहा हूं कि यह सब ठीक करना इतना आसान नहीं है। वो ताकतें यहां हमारे खून पर जिंदा हैं और कभी नहीं चाहेंगी कि यहां अमन हो।
केंद्र को क्या जरूरत थी 35 ए को उठाने की
डॉ. फारूक ने कहा कि दिल्ली की भी हालातों को बिगाड़ने में कई गलतियां हैं। 35ए के मसले को उठाने की क्या जरुरत थी? उन्होंने कहा कि अगर अपना भविष्य सवारना है तो उसके लिए चुनाव जरूरी है और अगर बर्बादी की तरफ जाना चाहते हो तो कोई रोकने वाला नहीं। लेकिन अगर आप बच्चों के भविष्य को सुधारना चाहते हैं उन्हें राज्य के बाहर के बच्चों के साथ मुकाबला करवाना चाहते हैं तो इनको उस लेवल पर लाएं जहां वे मुकाबला कर सकें। लेकिन अगर ऐसे ही यहां स्कूल बंद होते रहे तो नहीं कर सकेंगे।
राज्यपाल ने थपथपाई पीठ
राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने डॉ. फारूक की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं आपकी दाद देता हूं कि आपने चुनावों को लेकर जो कहा इससे बड़ी सच्चाई कोई नहीं हो सकती कि पंचायत के चुनाव न दिल्ली वालों के लिए हैं न श्रीनगर वालों के लिए यह उनके लिए हैं जो वोट डालेंगे।