जालोर

मौत के बाद कोरोना टेस्ट के लिए लिया था सेंपल, भेजने से पहले ही आखिर क्यों करना पड़ा रिजेक्ट

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जालोरApr 28, 2020 / 10:53 am

Dharmendra Kumar Ramawat

कोरोना टेस्ट के लिए लिया सेंपल

धर्मेन्द्र रामावत. जालोर. कोरोना महामारी को लेकर जिले के सरकारी अस्पताल और उनके कार्मिक अभी शायद इसे हल्के में ले रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों में हर रोज कई कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं और कइयों की इससे जान तक जा चुकी है। इसके बावजूद संदिग्ध रोगियों की सावधानी पूर्वक सेंपलिंग को लेकर अधिकारियों की ओर से कोई मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है। इसका ताजा उदाहरण बारह दिन पहले का है। सांचौर क्षेत्र के खारा निवासी पूनमाराम (40) पुत्र भीखाराम विश्नोई की गत 15 अप्रैल को अचानक तबीयत बिगडऩे से मौत हो गई थी। चिकित्सा अधिकारियों को संदेह हुआ तो मृतक के कोरोना टेस्ट के लिए सांचौर सीएचसी में लेब टेक्नीशयन ने स्वाब का नमूना लिया गया। वहीं बीसीएमओ के निर्देश पर वीटीएम किट (वायरस कलेक्शन किट) जिला अस्पताल भिजवाया गया। मगर हैरत की बात यह है कि कोरोना टेस्ट के लिए जोधपुर भेजने से पहले पीएमओ ने इसे रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद मृतक का सेंपल ना तो दोबारा लिया गया और ना ही उसकी कोरोना जांच हो पाई। इस तरह सेंपलिंग में बरती जा रही लापरवाही के कारण अगर एक भी संक्रमित मरीज जांच से रह जाए तो इसका खामियाजा जिलेवासियों को भुगतना पड़ सकता है।
इसलिए हुआ रिजेक्ट
सांचौर सीएचसी से जिला अस्पताल भेजे गए वीटीएम किट में स्वाब स्टिक का अगला हिस्सा था ही नहीं। जबकि खारा निवासी एक और व्यक्ति हरिराम का सेंपल भी इसके साथ भेजा गया था। एक ही वाहन में सुरक्षित रूप से ये दोनों किट भेजे गए, लेकिन मृतक के वीटीएम किट में से स्वाब स्टिक का अगला हिस्सा कैसे गायब हुआ। इस बारे में अब कोई बोलने को तैयार तक नहीं है।
तीन भेजने थे, भेजे दो सेंपल
जिला अस्पताल से प्रतिदिन जांच के लिए जोधपुर भेजे जाने वाले कोरोना संदिग्ध सेंपल की जानकारी पीएमओ की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों व सीएमएचओ को भेजी जाती है। सांचौर के खारा निवासी इस व्यक्ति की 15 अप्रैल को मौत के बाद उसका व खारा के एक और व्यक्ति का सेंपल जालोर भेजा गया, लेकिन अगले दिन 16 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक जिला अस्पताल से केशवना निवासी पूजा व खारा निवासी हरिराम के ही सेंपल जोधपुर भेजे गए थे। पूनमाराम का इस लिस्ट में नाम तक नहीं था।
…तो क्या भरोसा कर सकते हैं इस सिस्टम पर
कोविड-19 से अप्रभावित जालोर जिले में सोमवार से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट से रेंडम सेंपलिंग से किया जा रहा है। इसके तहत जिले से 250 सेंपल लिए जाएंगे। 7 कलस्टर्स में प्रत्येक 5वें घर से एक सेंपल लिया जाएगा। ऐसे में सेंपलिंग में इस तरह की लापरवाही के बावजूद कोरोना से हमारा जिला अछूता है या नहीं सरकारी सिस्टम से इसकी उम्मीद लगाना खतरे से खाली नहीं होगा।
जानिए किसने क्या कहा…
कलेक्शन प्रॉपर नहीं था
खारा निवासी एक व्यक्ति की मौत के बाद संदेह को लेकर कोरोना टेस्ट के लिए सांचौर सीएचसी से वीटएम किट में सेंपल जालोर भेजा गया था। जिसे जांच के लिए अगले दिन जोधपुर लेब में भेजना था, लेकिन स्वाब स्टिक का अगला हिस्सा किट के साथ हमें मिला ही नहीं जो जांच के लिए अहम है। इस कारण सेंपल रिजेक्ट करना पड़ा। इस बारे में सांचौर बीसीएमओ का कहना था कि उन्होंने पूरा सेंपल किट में सुरक्षित भेजा था। अब गलती कहां और किससे हुई ये तो वे ही जानते हैं।
– डॉ. एसपी शर्मा, पीएमओ, जिला अस्पताल
हमने तो पूरा भेजा था
खारा निवासी व्यक्ति की मौत के बाद सेंपल लेकर सांचौर से वाहन के जरिए जालोर सुरक्षित भेजा था। स्वाब स्टिक का अगला हिस्सा कहां गुम हुआ। इस बारे में हमें जानकारी नहीं है। वैसे पेशेंट की पुरानी रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत पुरानी टीबी की वजह से फेफड़ों में पानी भरने के कारण हुई थी।
– डॉ. ओमप्रकाश सुथार, बीसीएमओ सांचौर
पता करेंगे…
जिले के सभी कोरोना संदिग्ध सेंपल जिला अस्पताल में सीधे जाते हैं। वहां से पीएमओ हमें रिपोर्ट करते हैं तब हमें इसकी जानकारी मिलती है। सेंपल रिजेक्ट क्यों हुआ, इस बारे में पता करवाया जाएगा।
– डॉ. गजेंद्रसिंह देवल, सीएमएचओ

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