जालोर जिले में पुलिस ने रख रही थी नजर
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि भीलवाड़ा पुलिस की ओर से पिछले लंबे समय से जालोर के अलग-अलग क्षेत्रों में नजर रखी हुई थी। जहां पाबूराम छिप सकता था। भाटीप गांव में उसका ननिहाल है। यहां भी पुलिस की नजर थी। शुक्रवार रात को पाबुराम अपने ननिहाल आने की सूचना थी। जिसके बाद पुलिस ने शनिवार तड़के उसे चारों तरफ से घेर लिया। एसपी शर्मा ने अपनी पूरी टीम को इस सफल ऑपरेशन के लिए बधाई भी दी है।
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि भीलवाड़ा पुलिस की ओर से पिछले लंबे समय से जालोर के अलग-अलग क्षेत्रों में नजर रखी हुई थी। जहां पाबूराम छिप सकता था। भाटीप गांव में उसका ननिहाल है। यहां भी पुलिस की नजर थी। शुक्रवार रात को पाबुराम अपने ननिहाल आने की सूचना थी। जिसके बाद पुलिस ने शनिवार तड़के उसे चारों तरफ से घेर लिया। एसपी शर्मा ने अपनी पूरी टीम को इस सफल ऑपरेशन के लिए बधाई भी दी है।
एनकाउंटर के भय से एक ने किया था सरेंडर
कांन्स्टेबल हत्या के मामले के बाद पुलिस द्वारा सख्त रुख अपनाया जा रहा था और विशेष टीमों के गठन के साथ दबिश भी दी जा रही थी। सख्त रुख और संभावित एनकाउंटर के भय के बीच एक आरोपी रमेश ने चित्तौडगढ़़ एनडीपीएस कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसे बाद में अदालत ने जेल भेजने के आदेश दिए। भीलवाड़ा पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट से हिरासत में लेकर आई। बाद में उसे भी जेल भेज दिया। रमेश पर भी एक लाख का इनाम था।
कांन्स्टेबल हत्या के मामले के बाद पुलिस द्वारा सख्त रुख अपनाया जा रहा था और विशेष टीमों के गठन के साथ दबिश भी दी जा रही थी। सख्त रुख और संभावित एनकाउंटर के भय के बीच एक आरोपी रमेश ने चित्तौडगढ़़ एनडीपीएस कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसे बाद में अदालत ने जेल भेजने के आदेश दिए। भीलवाड़ा पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट से हिरासत में लेकर आई। बाद में उसे भी जेल भेज दिया। रमेश पर भी एक लाख का इनाम था।
तीन जिलों की पुलिस टीम ने की कार्रवाई
आरोपी गंभीर वारदात को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहा था। लगातार मुखबिरी के बाद इसके भाटीप में ननिहाल में होने की जानकारी पर तीन जिलों की पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया। बताया जाता है कि कुछ दिनों तक गैंगस्टर राजू फौजी उसके साथ था। बाद में वह अलग हो गया। पुलिस कांस्टेबल पर फायरिंग के मामले में अब पुलिस को केवल राजू फौजी की तलाश है, जो इस गैंग का मुख्य सरगना है।
आरोपी गंभीर वारदात को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहा था। लगातार मुखबिरी के बाद इसके भाटीप में ननिहाल में होने की जानकारी पर तीन जिलों की पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया। बताया जाता है कि कुछ दिनों तक गैंगस्टर राजू फौजी उसके साथ था। बाद में वह अलग हो गया। पुलिस कांस्टेबल पर फायरिंग के मामले में अब पुलिस को केवल राजू फौजी की तलाश है, जो इस गैंग का मुख्य सरगना है।
एसपी विकास शर्मा ने की खुद मॉनिटरिंग
इस पूरे ऑपरेशन में भीलवाड़ा एसपी विकास शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी शर्मा पूरे मामले को स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे थे। वे जालोर में एसपी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में उन्हें जालोर की भौगोलिग स्थिति और हालातों की भी पूरी जानकारी थी। उनका यह अनुभव टीम के लिए उपयोगी साबित हुआ और पुलिस टीम ने बिना किसी क्षति के आरोपी को दबोच लिया।
इस पूरे ऑपरेशन में भीलवाड़ा एसपी विकास शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी शर्मा पूरे मामले को स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे थे। वे जालोर में एसपी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में उन्हें जालोर की भौगोलिग स्थिति और हालातों की भी पूरी जानकारी थी। उनका यह अनुभव टीम के लिए उपयोगी साबित हुआ और पुलिस टीम ने बिना किसी क्षति के आरोपी को दबोच लिया।
इनका कहना
पाबूराम की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें कई दिनों से आरोपी की तलाश में थी। इस दौरान उसके भाटीप में छिपे होने की जानकारी मिली, जिस पर यह विशेष ऑपरेशन चलाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
– विकास शर्मा, एसपी, भीलवाड़ा
पाबूराम की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें कई दिनों से आरोपी की तलाश में थी। इस दौरान उसके भाटीप में छिपे होने की जानकारी मिली, जिस पर यह विशेष ऑपरेशन चलाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
– विकास शर्मा, एसपी, भीलवाड़ा