जर्जर स्कूल का गिरा छज्जा, प्रधानाध्यापक और छात्र-छात्रा घायल

जानकारी मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।

<p>School Demolished</p>
जालौन. यूपी सरकार स्कूलों की हालत सुधारने का खूब दावा कर रही हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। आये दिन जर्जर स्कूल के कारण हादसे की सूचना आती रहती है। ऐसा ही मामला जालौन के कालपी तहसील क्षेत्र के ग्राम गुलौली के प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला। जहां स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से बच्चों सहित प्रधानाध्यापक घायल हो गए। हादसा देख स्कूल में अफरा तफरी मच गयी। जानकारी मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी कदौरा भी मौके पर पहुंचे और घायल छात्र-छात्रा और अध्यापक का हालचाल जाना।
घटना कालपी तहसील के गुलौली गांव की है। बताया गया कि मंगलवार की सुबह रोजना की तरह कदौरा विकासखंड के ग्राम गुलौली प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं चल रही थी। उसी दौरान विद्यालय की छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर गिर गया। जिससे वहां पढ़ा रहे प्रधानाध्यापक व 2 छात्र-छात्रा उसकी चपेट में आ गये। छत का छज्जा ऊपर गिरने से अफ़रा-तफ़री मच गई तथा घायल प्रधानाध्यापक महावीर बेग व छात्र सादमा (8) व छात्रा इमला (9) को घायल देख पूरे स्कूल में भगदड़ सी मच गई। इस घटना को देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तत्काल घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने हालात देखते हुये उनका इलाज शुरू कर दिया।
वहीं जानकारी मिलते ही खण्ड शिक्षा अधिकारी कदौरा सर्वेश कुमार सिंह ने विद्यालय में पहुंचकर निरीक्षण किया तथा हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि कदौरा विकास खण्ड के ग्राम बबीना, उदनपुर, चतेला, बागी, सारा, चमारी, मुस्ताक नगर, नजीरपुर, परौसा, मटरा, हवेली, उकासा, भदरेखी, पथरेटा सहित करीब 32 जर्जर विघालयों की सूची 10 अगस्त को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उरई के यहां भेजी जा चुकी है। अगले माह तक बजट मिलने की संभावना है। पैसा मिलते ही भवनों व बाउन्ड्रीबाल व फर्स आदि का मरमती करण कराया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी विघालयों को लिखित रूप से यह आदेश दिया जा चुका है।कि कोई भी विघालय जर्जर भवन में नहीं चलेगा। जहां विघालय भवन जर्जर है।वह लोग एआरसी व गांव के किसी भवन में कक्षायें लगाकर शिंक्षण कार्य कराये‌। मजे की बात यह है कि आदेश देने के बाद आखिर कौन है इसका जिम्मेदार। तथा मासूम बच्चों को इन जर्जर भवनों में शिक्षा देकर क्या जनपद का शिक्षा विभाग किसी बड़ी अनहोनी घटना होने का इंतजार कर रही है।
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