यह है मान्यता
पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज के अंदर रेतीले टीलों के बीच स्थित ऐतिहासिक भूरा बाबा की गुफा, धूणा व मंदिर देखने के लिए सोमवार को पत्रिका की टीम यहां पहुंची। यहां छायण, अजासर, ताड़ाना, घंटियाली, भादरिया आदि गांवों से आए दर्जनों श्रद्धालु बैठे थे। उन्होंने बताया कि यह एक चमत्कारिक स्थल व आस्था का केन्द्र है। यहां भूरा बाबा ने तपस्या की। ऐसी मान्यता है कि यहां स्थित भूरा बाबा की गुफा व धूणा 6 00 वर्ष पूर्व यहां आबाद हुए केरू गांव से भी पुराना है। मान्यताओं के अनुसार जब यहां केरू गांव बसने लगा, उस वक्त यहां एक बड़े गड्ढ़े को देखकर ग्रामीणों ने कुंए की खुदाई शुरू की, तो यहां किसी संत की खड़ाऊ, कमण्डल, झोली आदि वस्तुएं मिली। जिससे लोगों को लगा कि यहां किसी संत की ओर से तपस्या की गई है। यहां पर खुदाई के दौरान एक बहुत बड़ी गुफा भी मिली, जो आज भी स्थित है। उसी गुफा की लोग भूरा बाबा की गुफा के नाम से पूजा-अर्चना करते आ रहे है। यहां श्रद्धालुओं की ओर से एक पक्की धूणे, विश्राम स्थल व बाबा की मूर्ति लगाकर मंदिर का भी निर्माण करवाया गया है। उन्होंने बताया कि भूरा बाबा के अन्य भी कई जगहों पर आश्रम स्थित है। जिसमें बालेटा धाम सुधार मंडी, फलोदी स्थित भाखरिया, जैसलमेर से 30 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित भूरा डूंगर आश्रम प्रसिद्ध है।
पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज के अंदर रेतीले टीलों के बीच स्थित ऐतिहासिक भूरा बाबा की गुफा, धूणा व मंदिर देखने के लिए सोमवार को पत्रिका की टीम यहां पहुंची। यहां छायण, अजासर, ताड़ाना, घंटियाली, भादरिया आदि गांवों से आए दर्जनों श्रद्धालु बैठे थे। उन्होंने बताया कि यह एक चमत्कारिक स्थल व आस्था का केन्द्र है। यहां भूरा बाबा ने तपस्या की। ऐसी मान्यता है कि यहां स्थित भूरा बाबा की गुफा व धूणा 6 00 वर्ष पूर्व यहां आबाद हुए केरू गांव से भी पुराना है। मान्यताओं के अनुसार जब यहां केरू गांव बसने लगा, उस वक्त यहां एक बड़े गड्ढ़े को देखकर ग्रामीणों ने कुंए की खुदाई शुरू की, तो यहां किसी संत की खड़ाऊ, कमण्डल, झोली आदि वस्तुएं मिली। जिससे लोगों को लगा कि यहां किसी संत की ओर से तपस्या की गई है। यहां पर खुदाई के दौरान एक बहुत बड़ी गुफा भी मिली, जो आज भी स्थित है। उसी गुफा की लोग भूरा बाबा की गुफा के नाम से पूजा-अर्चना करते आ रहे है। यहां श्रद्धालुओं की ओर से एक पक्की धूणे, विश्राम स्थल व बाबा की मूर्ति लगाकर मंदिर का भी निर्माण करवाया गया है। उन्होंने बताया कि भूरा बाबा के अन्य भी कई जगहों पर आश्रम स्थित है। जिसमें बालेटा धाम सुधार मंडी, फलोदी स्थित भाखरिया, जैसलमेर से 30 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित भूरा डूंगर आश्रम प्रसिद्ध है।