जैसलमेर जवाहर चिकित्सालय के ब्लड बैंक में खून का टोटा !
जैसलमेर. जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय के रक्त कोष में इन दिनों रक्त की कमी आ गई है। कोरोना काल के दौरान अस्पताल के ब्लड बैंक में जरूरत के अनुसार खून जमा नहीं हो रहा है। इस वजह से आए दिन लोगों को अपने रिश्तेदारों के लिए रक्त की जरूरत पडऩे पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के ब्लड बैंक में आम दिनों की तुलना में वर्तमान में पांचवां हिस्से जितना ही रक्त संग्रहित है। स्थितियां इस कदर खराब हो गई कि रक्त बैंक प्रभारी डॉ. दामोदर खत्री को पिछले दिनों सोशल मीडिया के माध्यम से रक्तदाताओं से रक्तदान करने की सार्वजनिक अपील करने की नौबत आ गई। इसके बाद कुछ जने रक्तदान करने पहुंच भी गए लेकिन अभी भी स्थिति को काबू में करने के लिए कई रक्तदाताओं के सहयोग की आवश्यकता है।
साधना पड़ता है संतुलन
अस्पताल के ब्लड बैंक में वैसे तो सैकड़ों यूनिट रक्त संग्रहण की व्यवस्था है लेकिन रक्तदाता के लिया जाने वाला रक्त अधिकतम 35 दिनों तक फ्रीजर्स में सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके बाद खून की गुणवत्ता क्षीण हो जाती है और वह काम नहीं आता। ऐसे में ब्लड बैंक में नियमित रक्तदान की जरूरत पड़ती है। जिससे जरूरत के समय खून की कमी नहीं रहे। अस्पताल में थैलेसेमिया के करीब 20 मरीजों को महीने में 50.60 रक्त की जरूरत पड़ती है। इसके बदले उनसे रक्त नहीं लिया जाता। इसी तरह कैंसर रोगियों से भी मानवता के नाते खून के बदले खून की व्यवस्था करवाने के लिए नहीं कहा जाता। ब्लड बैंक में विभिन्न रक्त समूहों का खून हर समय तैयार रखना पड़ता है क्योंकि प्रसूताओं व दुर्घटनाओं में घायलों आदि को कभी भी इसकी जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा जैसलमेर के अन्य निजी चिकित्सालयों में भी जरूरत पडऩे पर रक्त इसी ब्लड बैंक से ले जाया जाता है। ब्लड बैंक में स्टाफ की कमी भी लम्बे समय से महसूस की जा रही है।
आखिर क्यों आई कमी ?
जैसलमेर में पिछले एक दशक के दौरान रक्तदान के प्रति लोगों का नजरिया काफी बदल गया है, जिससे आम तौर पर ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता पूरी रहती है। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते कई लोगों को लगता है कि रक्तदान करने से उनकी इम्यूनिटी प्रभावित हो सकती है। हालांकि इस धारणा का कोई वैज्ञानिक आधार अब तक सामने नहीं आया है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के भय से भी लोग अस्पताल आने से हिचकिचाते हैं। कोरोना की वजह से पिछले महीनों के दौरान रक्तदान शिविर भी कम संख्या में आयोजित हुए हैं। सरकारी स्तर पर इन्हें कई पाबंदियों के कारण नहीं करवाया जा सका है।
रक्तदान महादान है
जैसलमेर अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त की वर्तमान में कमी है। अब तक यहां स्वैच्छिक रक्तदाताओं का बहुत सराहनीय सहयोग रहा है। इस हालात में भी उनसे सहयोग की अपेक्षा है। हम सभी जानते हैं कि रक्तदान महादान है। यह बहुत पुण्यदायी कार्य होने के साथ रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी है।
-डॉ. दामोदर खत्री, प्रभारी, ब्लड बैंक, राजकीय जवाहर अस्पताल, जैसलमेर