बिगड़े समीकरण, अब करना होगा एक साल का इंतजार

-पर्यटन की झोली भरने का दारोमदार केवल भारतीयों पर-जुलाई के दूसरे पखवाड़े के बाद देशी पर्यटकों के बढाए कदम, विदेशी ठिठके

<p>बिगड़े समीकरण, अब करना होगा एक साल का इंतजार</p>

जैसलमेर. पीत पाषाणों से निर्मित जैसलमेर शहर को गोल्डनसिटी का रुतबा दिलाने वाले विदेशी सैलानियों का लगातार दूसरे साल यहां आगमन मुश्किल लग रहा है। कोरोना की वजह से फरवरी 2020 के बाद से जैसलमेर में विदेशी पावणों के कदम ठिठके हुए हैं। इस बीच दूसरी लहर आकर जा चुकी है और जैसलमेर के पर्यटन को परवान चढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले सात समंदर पार के मेहमानों के आगमन का कोई ठिकाना नहीं है। दरअसल दुनिया में जनसंख्या के लिहाज से दूसरे सबसे बड़े देश भारत में कोरोना से बचाव की सुई यानी वैक्सीन लगभग 70 फीसदी आबादी को नहीं लगेगी तब तक विदेशी पर्यटकों का आना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। क्षेत्र के जानकारों की मानें तो अगले साल 2022 में भी जुलाई से हालात सामान्य हो सकते हैं। कुछ जानकार तो साल 2023 तक विदेशी पर्यटन की जैसलमेर में पहले जैसी रौनक की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
बिगड़े समीकरण
जैसलमेर में विगत वर्षों के दौरान प्रत्येक साल एक से सवा लाख तक विदेशी पर्यटक घूमने आते रहे हैं। जुलाई से सितम्बर तक यूरोपियन सैलानी अपने परिवार के साथ यहां आते रहे हैं। इस समय वहां स्कूलों.कॉलेजों की छुट्टियां होती हैं। यह सिलसिला दो साल से बंद है। फिलहाल भारत और पश्चिमी देशों व अमेरिका के बीच पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगी है। बताया जाता है कि जब तक कोरोना से बचाव की वैक्सीन 70 प्रतिशत आबादी को नहीं लगेगीए तब तक भारत को विदेशी सरकारें कोरोना की दृष्टि से सुरक्षित नहीं मान सकती। अभी तक इस लक्ष्य से भारत खासा दूर है और इस साल दिसम्बर तक भी यह लक्ष्य हासिल होना संभव नहीं है। गौरतलब है कि जैसलमेर में सबसे ज्यादा फ्रंास, जर्मनी, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से विदेशी घूमने आते हैं। इसके बाद अमेरिका, कनाडा, इजराइल आदि देशों के सैलानी यहां भ्रमण पर आते हैं। विदेशियों के नहीं आने से पर्यटन क्षेत्र में एक तरह की मायूसी छाई हुई है। विदेशी पर्यटन पर आधारित गाइड्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल संचालक बेसब्री से उनका इंतजार रहे हैं।
चंद दिन में शुरू होनी है पर्यटन सीजन
दूसरी तरफ जैसलमेर में अनलॉक लागू होने के बाद देशी पर्यटक थोड़ी बहुत संख्या में आना शुरू हो गए हैं। आने वाले एक पखवाड़े में उनकी संख्या में इजाफा हो सकता है। कोरोना के हालात ठीक रहे तो अगस्त से देशी पर्यटन की सीजन तेज हो जाएगी। इन दिनों ज्यादातर पर्यटक राजस्थान के विभिन्न शहरों से आ रहे हैं। पड़ोसी गुजरात से भी कुछ आवक शुरू हुई है। शहर में होटलों, रेस्टोरेंट्स व सम.खुहड़ी के रिसोट्र्स में पर्यटन सीजन के मद्देनजर तैयारियां की जा रही हैं।
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