वैदिक विज्ञान के आधार पर तैयार मंडप यज्ञ मंडप 36 स्तंभों पर 72 फीट व्यास के विशाल आकृति एवं वैदिक विज्ञान के आधार पर निर्मित किए गए हैं। कुंड की गहराई लंबाई और चौड़ाई भी इतनी हैं कि मानो विशाल कमरा भूगर्भ में बना हुआ हो। 11 फीट × 11 फीट × 11 फीट का विशाल कुंड का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि 12 वर्ष तक निरंतर आहुतियां दिए जाने पर ही यह कुंड पूरा भर पाएगा।
कृषि मंडी के सचिव हैं इस यज्ञ के प्रेरक श्री कोटड़ा बालाजी में इस दिव्य को प्रारंभ करने से पूर्व क्षेत्र में भागवत कथाओं के माध्यम से इस कार्यक्रम के प्रेरक आसलपुर निवासी पंडित विष्णु दत्त शर्मा ने इसकी शुरूआत की जो कृषि उपज मंडी बेगू में तत्कालीन मंडी सचिव थे। इस स्थान पर सवा करोड़ श्री राम मंत्र के साथ 31 जनवरी 2012 को यज्ञ को प्रारंभ किया गया।
”शब्द वेद का नाम ही विलक्षण है। विद्वान बनाने के अपौरुषेय एवं सर्वोत्तम साधन वेद भगवान से प्रकट है। इस अद्भुत ज्ञान को वर्तमान में शब्द के द्वारा ही सीखा जा सकता है। सर्वोत्तम नाम युक्त इस पत्रिका प्रकाशन की विवेचना विलक्षण से भी विलक्षण है इसीलिए सृष्टि के इस सबसे बड़े यज्ञ में इस प्रकाशन को पूजा का आधार बनाया गया। आम जनता यज्ञ की अग्नि के साथ साथ इस विशाल शब्द वेद को प्रणाम कर आंनद प्राप्त करती हैं।”
पं. विष्णु दत्त शर्मा
सचिव, कृषि उपज मंडी नोहर एवं भादरा इनका प्रयास रहा सराहनीय इस पुनीत कार्य में श्री कोटड़ा बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष बंशीलाल धाकड़, सचिव अशोक पुरोहित, रुड़गढ़ बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र धाकड़, राजकुमार लक्की सहित क्षेत्र के ग्रामीणों की भूमिका सराहनीय रही।
सचिव, कृषि उपज मंडी नोहर एवं भादरा इनका प्रयास रहा सराहनीय इस पुनीत कार्य में श्री कोटड़ा बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष बंशीलाल धाकड़, सचिव अशोक पुरोहित, रुड़गढ़ बालाजी सेवा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र धाकड़, राजकुमार लक्की सहित क्षेत्र के ग्रामीणों की भूमिका सराहनीय रही।