माह ए रमजान—रमजान के शुरुआती दिनों में गायब रहेंगे कई जायके

<p>ध्यानार्थ अबरार सर.. माह ए रमजान—रमजान के शुरुआती दिनों में गायब रहेंगे कई जायके</p>


जयपुर.
देश में बीते 21 दिन से जारी लॉकडाउन 19 दिन और बढ़ा दिया गया। अब यह 3 मई तक जारी रहेगा। इसी दौरान रहमतों और बरकतों का महीना माह ए रमजान भी शुरू होगा। सेंट्रल हिलाल कमेटी के कन्वीनर और चीफ काजी राजस्थान खालिद उस्मानी ने बताया कि अगर 24 अप्रैल की रात चांद दिखाई दिया है तो पहला रोजा 25 अप्रैल के साथ रमजान का महीना भी शुरू हो जाएगा।यानी रमजान के शुरुआती 10 दिन लॉकडाउन में गुजरना तय माना जा सकता है। इस दौरान मुस्लिम समाजबंधु मस्जिद नहीं जा सकेंगे। घर में ही इबादत और इफ्तार करना होगा। विशेष नमाज तरावीह भी मस्जिद में नहीं होगी। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपील की है कि रमजान में लॉकडाउन का पालन करें और इस महामारी से बचाने के लिए अल्लाह से खास दुआ करें। शहर मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी ने कहा कि लोग घर पर ही तरावीह और दूसरी नमाजें अदा करें। उस्मानी ने कहा कि रमजान के महीने में जो लोग मस्जिद में इफ्तारी भेजते थे, वे इस साल भी करें। लेकिन, मस्जिद की बजाय जरूरतमंदों के घर पहुंचाएं। रमजान में इफ्तार पार्टियां करने वाले इसकी रकम से गरीबों को राशन बांटें। रोजेदार ये तय करें कि कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है, वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।
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इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित होता है
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। इसके अगले यानी दसवें महीने को शव्वाल कहा जाता है। इस महीने की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाते हैं। मुस्लिम इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए इसी कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। यह कैलेंडर चांद पर आधारित है। कभी महीना 29 दिन का होता है, तो कभी 30 दिन का। साल में बारह महीने और 354 या 355 दिन होते हैं। सूर्य पर आधारित कैलेंडर से यह 11 दिन छोटा होता है। इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियां हर साल पिछले सोलर कैलेंडर के हिसाब से 11 दिन पीछे हो जाती हैं।
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पकवान रहेंगे महरूम
माहे मुबारक रमजान पर इस बार रोजदारों के दस्तरख्वान जायकों से महरूम रहेंगे। पहली बार शुरुआती दिनों में रमजान में न तो पकवानों की खुश्बू मिलेगी न ही रामगंज बिरयानी की महक रोजदारों को खींच कर होटल तक लाएगी। सेवइयां, खजूर, शीरमाल, ख्वाजा का जायका तो दूर की बात अन्य पकवान नहीं दिखेगे। रमजान का पहला अशरा घरों में ही गुजरेगा। रमजान में राजधानी के होटल बंद रहने से होटल से जुड़े लोगों को बड़ा नुकसान होगा।
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दो महीने पहले ही दे चुके अग्रिम भुगतान
एमडी रोड, रामगंज बाजार स्थित फिरदोस होटल के मालिक मोहम्मद इरफान ने बताया कि रमजान की तैयारी दो महीने पहले से शुरू हो जाती है। दो दर्जन से अधिक लेबरों को अग्रिम भुगतान पैसा दिया जा चुका है। रमजान की चांद रात से ही होटल पर रौनक बढ़ जाती थी। होटल बंद होने से लाखों रूपए नुकसान अलग होगा। खास बात यह है कि लखनऊ और दिल्ली की तर्ज पर अलग-अलग तरह की जायकेदार रोटियों का लुत्फ लेने के लि रामगंज बाजार, घाटगेट बाजार की होटलों में स्पेशल रोटियां तैयार की जाती है। दिल्ली से रोटियां तैयार करने के लिए खास कारिगरों को भी बुलाया जाता था। ताकि जिनकी पकवानों से रोजेदारों को ज्यादा से ज्यादा ताकत मिल सके। रमजान के लि आटा, मैदा, चावल समेत मसाले एक महीने पहले ही मंगा लिए गए है। जो लॉकडाउन के बाद होटल में ही बंद पड़ा है।
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