वर्चुअल प्लेटफॉर्म शिक्षा के लिए साबित होंगे वरदान

विद्यार्थी – भोपाल की आद्या शर्मा बता रही हैं पढ़ाई में सफलता का मंत्र

<p>वर्चुअल प्लेटफॉर्म शिक्षा के लिए साबित होंगे वरदान</p>
कोविड-19 ने कक्षाओं का स्वरूप भी बदल दिया है। परंपरागत पढ़ाई से हटकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। क्लास रूम में विद्यार्थी केवल पाठ्यक्रम की पढ़ाई तक सीमित थे। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शिक्षा क्षेत्र में बदलाव का माध्यम बनेंगे। आप एक समय में जहां अपने कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं, दूसरी ओर वोकेशनल कोर्स कर स्वरोजगार में भी कदम बढ़ा सकेंगे। वर्चुअल प्लेटफार्म शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित होंगे। लिखने पर भी फोकस करेंआने वाले समय में ऑनलाइन पाठ्यक्रम के ऐप ज्यादा एडवांस होंगे। ऐसे में शिक्षक और विद्यार्थियों में संवाद भी किसी फिजिकल क्लास रूम की तरह होगा। कोविड-19 की शुरूआत में कुछ सीमित ऐप पर ही 25-50 लोग एक साथ कनेक्ट हो पाते थे। वह भी सिर्फ 40-50 मिनट के लिए। उसके बाद ऐसे ऐप आ गए जिस पर एक ही समय में 100 से ज्यादा लोग जुडऩे लगे। संवाद भी दो तरफा होने लगा। आने वाले समय में ऐसे ऐप मार्केट में आएंगे जो फिजिकल डिस्टेंसिंग के भेद को पूरी तरह से मिटा देंगे। ऐसे गांव-शहर या किसी अन्य देश में रहकर भी पढ़ाई करना आसान हो जाएगा। थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल कक्षाएं भी ऑनलाइन लग सकेंगी।ऑथेंटिक लिंक से ही पढ़ाई करें ऑनलाइन कक्षाओं का एक फायदा भी हुआ है कि आप सिर्फ क्लास रूम स्टडी तक सीमित नहीं रह गए हैं। अब विद्यार्थियों के सामने सीखने के लिए असीमित संसाधन आ गए हैं। वे किसी एक किताब या प्रकाशक पर निर्भर नहीं रह गए हैं। यू-ट्यूब, ब्लॉग और वेबसाइट के जरिए हम किसी भी विषय पर असीमित ज्ञान हासिल कर सकते हैं। हालांकि डेटा खोजते समय यह भी ध्यान देना होगा कि आप जो सीख रहे हैं या पढ़ रहे हैं, वह कितना विश्वसनीय है। क्योंकि इंटरनेट पर कई विषयों पर गलत जानकारियां भी हो सकती हैं। पढ़ाई शुरू करने से पहले भरोसेमंद साइट्स या लिंक की खोज कर लें। यह भी तय कर लें कि विषय से जुड़ी जानकारी एक जैसी तो नहीं है। खुद को रखें तनाव मुक्तकॉलेज खत्म होने के बाद जब आप घर लौटते थे तो रिफे्रश हो जाते थे।ऑनलाइन स्टडी ने लैपटॉप तक सीमित कर दिया है। ऐसे में कई तरह की एक्टिविटी बंद सी हो गई है। ऐेसे में जरूरी है कि आपकी पढ़ाई के साथ पसंदीदा काम को भी समय दें। कोविड-19 की शुरुआती दौर में टीचर्स से लेकर विद्यार्थिंयों तक को तनाव से गुजरना पड़ा। ऐसे में जरूरी है कि सफलता पाने के लिये खुद को तनाव से दूर रखें। (आप भोपाल से हैं और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) की टॉपर रही हैं) (पत्रिका संवाददाता हितेश शर्मा से बातचीत के आधार पर)
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