मौसम की मार ने घटाई आवक, डेढ़ से दोगुने तक बढ़े सब्जियों के भाव

मौसम की मार ने मंडियों में सब्जियों की आवक कम कर दी है। कई सब्जियों की कीमतों में डेढ़ से दोगुनी तक वृद्धि हुई है।

<p>मौसम की मार ने घटाई आवक, डेढ़ से दोगुने तक बढ़े सब्जियों के भाव</p>
जयपुर। इन दिनों सब्जियां मौसम की चपेट में आ गई हैं। मुहाना मंडी में स्थानीय सब्जियों की आवक आधी रह गई है। अन्य राज्यों से सब्जियां मंगवाई जा रही हैं। भाव डेढ़ से दोगुने तक बढ़ गए ( hike in vegetable prices ) हैं।
सब्जी व्यापारियों के मुताबिक धनिया, नींबू सस्ते हुए हैं जबकि अदरक, टमाटर, प्याज समेत कई सब्जियों के भाव बढ़े हैं। जयपुर फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि अगले महीने तक नई आवक शुरू होगी, उसके बाद भाव स्थिर होंगे। नवरात्र तक मटर, गोभी समेत अन्य सब्जियों की आवक होने लगेगी।

इसलिए ‘बिगड़ी’ सब्जी
– इस बार उत्पादन कम हुआ।

– बारिश से कई जगह सब्जियां खराब हो गईं।


– बारिश में कई जिलों में जलभराव के कारण आवक गड़बड़ाई।

यहां से हो रही आवक
बेंगलूरु से टमाटर हाइब्रिड, अदरक, उत्तरप्रदेश से शिमला मिर्च, आलू, मध्यप्रदेश से हरीमिर्च, करेला, धनिया, शिवगंज से नींबू, कोटपूतली से लौकी, टोंक से खीरा, टिण्डा, जोधपुर से प्याज, नासिक से प्याज, धनिया की आवक हो रही है। जयपुर के आसपास से तुरई, भिण्डी, बैंगन, टिण्डा सहित अन्य हरी सब्जियां आ रही हैं।
ये हैं भाव

सब्जी —— थोक भाव —— खुदरा भाव
टमाटर —— 18-22 —— 25-30

शिमला मिर्च —— 23-28 —— 40
क रेला —— 15-20 —— 25-30

तुरई —— 12-18 —— 40
लौकी —— 18-20 —— 20
खीरा —— 8-10 —— 20
नींबू —— 25-35 —— 60

अदरक —— 50-60 —— 80-200
हरी मिर्च —— 20-28 —— 30-40

भिण्डी —— 25-28 —— 30-40
प्याज —— 24-26 —— 20-30

अरबी —— 15-20 —— 40
टिण्डा —— 25-30 —— 40
(थोक भाव मुहाना मंडी व खुदरा भाव लालकोठी सब्जी मंडी के व्यापारियों के मुताबिक)

उधर, खेतों में पसीना बहाने के बाद खड़ी हुई बाजरे की फसल पर कई स्थानों पर संकट मंडरा रहा है। इन दिनों यह संकट बना हुआ है एक छोटा सा कीड़ा। यह कीड़ा देखने में टिड्डी की तरह है। राज्य में इन दिनों जयपुर के साथ अन्य कई स्थानों पर खेतों में यह कीड़ा दिखाई दे रहा है। इस कीड़े ने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। टिड्डीनुमा यह कीड़ा जिसे फड़का कहा जाता है, इससे बाजरे की फसल रोगग्रस्त हो रही है। कई जगहों पर फसल खराब होने की कगार पर पहुंच गई है। कई खेतों में यह कीट बाजरे की फसल को पूरी तरह नष्ट कर चुका है। कई स्थानों पर कीटनाशन का छिड़काव करना भी इस कीट के प्रकोप पर बेअसर साबित हो रहा है। इससे किसान काफी परेशान हैं और फसल खराब होने से होने वाले नुकसान से उनकी चिंता बढ़ रही है। कई स्थानों पर एक पौधे पर दर्जनों फड़का कीट लगे हुए हैं। जो बाजरे के पौधे की सारी पत्तियां खा जाते हैं।
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