राजस्थान: ‘सरकारी आश्वासनों’ के बावजूद गरमाया हुआ है बरोजगारी मुद्दा, Vasundhara Raje ने भी की बेरोजगारों को न्याय और नौकरी की पैरवी

प्रदेश में गर्माया हुआ है बेरोज़गारी मुद्दा, सरकार ने बीते दिनों आश्वासन देकर ख़त्म करवाया था ‘पड़ाव’, मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने में लगी भाजपा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी हुईं मुखर- साधा सरकार पर निशाना, जल्द सडकों पर भी दिखेगा ‘आक्रोश’, बेरोजगारों के समर्थन में उतरेगी पार्टी, फिलहाल बयानों से सरकार को घेरने में जुटे भाजपा नेता
 

जयपुर।

प्रदेश में किसानों के साथ ही बेरोजगारी का मुद्दा भी गरमाया हुआ है। इन दोनों ही मुद्दों को भाजपा प्रमुखता से उठाते हुए राज्य की गहलोत सरकार को घेरने की कोशिशों में है। विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्षी पार्टी दोनों ही मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाती दिख रही है।

 

युवाओं की हितैषी बनी भाजपा!
सूत्रों की माने तो प्रदेश भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश भाजपा की कोशिश विभिन्न सरकारी भर्तियों में सरकारी लचरता और इससे पनप रही बेरोजगारों की नाराजगी का सियासी फ़ायदा उठाने की है। इसके लिए फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ नेता बयानों से ‘हल्ला बोल’ कर सरकार को घेरने और बेरोजगारों का हमदर्द बनने का संदेश देते दिखाई दे रहे हैं।

 

सड़कों पर भी जल्द दिखेगा विरोध
सूत्रों की माने तो प्रदेश भाजपा बेरोज़गारी मुद्दे को ना सिर्फ बयानों के ज़रिये, बल्कि जल्द ही सडकों पर विरोध-प्रदर्शनों के ज़रिये भी उठाती दिखाई देगी। बीते दिनों जयपुर में हुई एक बैठक के दौरान भी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने सभी मोर्चों को अपने मोर्चे से जुड़े मुद्दों को पूरे दम-ख़म के साथ उठाने के निर्देश दिए थे। ऐसे में जल्द ही भाजपा युवा मोर्चे की टीम भी बेरोज़गारी मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ की सड़कों पर उतरते दिखाई देगी।


वसुंधरा राजे भी हुई मुखर
विभिन्न सरकारी भर्तियों में अनियमितता और बेरोजगारों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मुखर हो गई हैं। बेरोजगारों से जुड़े मुद्दे को राजे समय-समय पर उठाती रही हैं। अब एक बार फिर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है।

 

‘बेरोजगारों के साथ मज़ाक के मूड में है सरकार’
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ मजाक के मूड में है। उन्होंने लाइब्रेरियन भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले ये परिक्षा दिसंबर, 2019 में आयोजित करवाई गई थी। लेकिन पेपर लीक होने के चलते परीक्षा को रद्द कर दिया गया और फिर सितंबर, 2020 में इसे दोबारा आयोजित करवाया गया।


‘बेरोजगारों को न्याय और नौकरी दोनों चाहिए’
राजे ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस बार भी प्रश्न-पत्र परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों के मोबाइल तक पहुंच चुका था। लेकिन सरकार ने ना तो परीक्षा रद्द की और ना ही पुलिस दोषियों तक पहुंच सकी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच भले ही एसओजी कर रही हो, लेकिन बेरोजगार युवाओं को सिर्फ आश्वासन नहीं बल्कि न्याय और नौकरी दोनों चाहिए।


…. इधर एक और प्रदर्शन की तैयारी
राज्य सरकार ने बेरोजगारों की विभिन्न मांगों का जल्द निराकरण करने का आश्वासन देते हुए भले ही जयपुर में उनका पड़ाव स्थगित करवा दिया हो, लेकिन बेरोजगारों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब ऊर्जा विभाग की एईएन और जेईएन भर्ती में सामान्य ज्ञान जुड़वाने एवं परीक्षा केंद्र राजस्थान में दिलवाने की मांग को लेकर बेरोजगार कल सोमवार को प्रदर्शन करेंगे।

 

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि ऊर्जा विभाग में एईएन और जेईएन भर्ती के परीक्षा केंद्र राजस्थान में होने चाहिए और इन भर्तियों में प्रदेश का सामान्य ज्ञान ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज बेरोजगारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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