हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चौथे चरण के लिए मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 10 जून को ही कर दिया गया था। जिसके बाद माना जा रहा था कि चौथे चरण के चुनाव जुलाई माह में कराए जा सकते हैं लेकिन जिस तरह से कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है, उससे चुनाव कराने को लेकर आयोग भी असमंजस में है। इससे पहले चौथे चरण के चुनाव मार्च-अप्रेल में घोषित किए गए थे, लेकिन कोरोना संकट के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
ये भी एक वजह
आयोग से जुड़े सूत्रों की माने तो जिस तरह से प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में अभी चुनाव कराना संक्रमण को और निमंत्रण देना है क्योंकि ग्रामीणों में मतदान को लेकर खासी उत्सुकता रहती है। ग्रामीण मतदाता मतदान में बढ़चढकर हिस्सा लेते हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराना एक बड़ी चुनौती होगी।
तीन चरणों में हो चुकी 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग
पंचायत चुनाव के तीन चरणों 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हो चुकी है दर्शाता है कि ग्रामीण मतदाता मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। आयोग पिछले तीन चरणों में 8 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में चुनाव करा चुका है। अब चौथे चरण 3,878 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जाने हैं इनका कार्यकाल समाप्त होने के चलते सरकार ने इन ग्राम पंचायतों में प्रशासकों को तैनात किया हुआ है।