सवाई रामसिंह द्वितीय के चित्र
सिम्पोजियम के अन्य सत्र में सिटी पैलेस संग्रहालय की क्यूरेटर अपर्णा अंधारे ने जयपुर के महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय के बनाए तीन चित्र बताए। कहा कि वे स्वयं एक शौकीन फोटोग्राफर थे। अंधारे ने इन तस्वीरों के प्रभावों व अर्थों को बताया। इसमें महाराजा ने स्वयं को किस प्रकार एक सौंदर्यवादी, शिव भक्त व विचारक के रूप में चित्रित किया।
सिम्पोजियम के अन्य सत्र में सिटी पैलेस संग्रहालय की क्यूरेटर अपर्णा अंधारे ने जयपुर के महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय के बनाए तीन चित्र बताए। कहा कि वे स्वयं एक शौकीन फोटोग्राफर थे। अंधारे ने इन तस्वीरों के प्रभावों व अर्थों को बताया। इसमें महाराजा ने स्वयं को किस प्रकार एक सौंदर्यवादी, शिव भक्त व विचारक के रूप में चित्रित किया।
अजमेर दरगाह समन्वयवाद की आधारशिला
वरिष्ठ पत्रकार व वक्ता स्वाति वशिष्ठ ने ‘सिंक्रेटिक ट्रेडिशंस इन राजस्थानÓ विषय पर विचार रखे। कहा कि उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों की तरह भक्ति और सूफी आंदोलनों में राजस्थान में भी समन्वयवाद को बल मिला। अजमेर में सूफी संत, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह राज्य में समन्वयवाद की आधारशिलाओं में से एक है। इस सिम्पोजियम में राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक महेंद्र खडगावत भी संबोधित किया।
वरिष्ठ पत्रकार व वक्ता स्वाति वशिष्ठ ने ‘सिंक्रेटिक ट्रेडिशंस इन राजस्थानÓ विषय पर विचार रखे। कहा कि उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों की तरह भक्ति और सूफी आंदोलनों में राजस्थान में भी समन्वयवाद को बल मिला। अजमेर में सूफी संत, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह राज्य में समन्वयवाद की आधारशिलाओं में से एक है। इस सिम्पोजियम में राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक महेंद्र खडगावत भी संबोधित किया।