जयपुर

फव्वारा एवं ड्रिप इरिगेशन पद्धति संयंत्र लगाने का शेष कार्य मार्च तक पूरा- कृषि मंत्री

फव्वारा एवं ड्रिप इरिगेशन पद्धति संयंत्र लगाने का शेष कार्य मार्च तक पूरा- कृषि मंत्रीकृषि मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी

जयपुरFeb 25, 2020 / 05:19 pm

Rakhi Hajela

फव्वारा एवं ड्रिप इरिगेशन पद्धति संयंत्र लगाने का शेष कार्य मार्च तक पूरा- कृषि मंत्री

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने मंगलवार को विधान सभा में बताया कि प्रदेश में वर्ष 2019 में कुल 80 हजार हैक्टेयर भूमि पर फव्वारा एवं ड्रिप इरिगेशन संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरुद्ध अब तक 45 हजार हैक्टेयर भूमि पर फव्वारा एवं ड्रिप इरिगेशन के लिए संयंत्र लगाने का कार्य किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बाकी बचा हुआ काम मार्च माह तक पूरा कर लिया जाएगा।
पूरक प्रश्नों का दिया जवाब
कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा 50 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि पर फव्वारा सिंचाई पद्धति संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से 30 हजार हैक्टेयर पर यह कार्य किया जा चुका है। इसी प्रकार 30 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि पर ड्रिप इरिगेशन पद्धति से सिंचाई के संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुद्ध 15 हजार हैक्टेयर पर कार्य किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शेष बचा हुआ कार्य भी मार्च तक करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
बूंद.बूंद सिंचाई पद्धति पर अनुदान
इससे पहले कृषि मंत्री ने विधायक सतीश पूनिया के मूल प्रश्न का जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बूंद.बूंद सिंचाई पद्धति पर अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न कृषक श्रेणी व विभिन्न सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों पर देय अनुदान का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि बूंद.बूंद सिंचाई पद्धति पर फसलवार, उम्रवार एवं माहवार सिंचाई तकनीक की सिफारिश राज्य में कृषक के खेत व क्षेत्र विशेष की मृदा संरचना व संघटन, जलवायु तथा पानी की गुणवता अलग.अलग होने से राज्य स्तर से सिफारिश जारी नहीं की जाती है बल्कि योजना क्रियान्वयन दिशा.निर्देश के अनुसरण में संयंत्र आपूर्तिकर्ता द्वारा कृषक के मृदा एवं जल परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर तकनीकी.आर्थिक प्रतिवेदन तैयार कर समय.सारणी के साहित्य की प्रति कृषक विशेष को उपलब्ध कराई जाती है।
किसानों को दिया जा रहा अनुदान
कटारिया ने बताया कि बूंद.बूंद सिंचाई पद्धति के प्रोत्साहन के लिए संयंत्र स्थापन पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लघु.सीमान्त कृषकों व अन्य कृषकों को क्रमश: 70 व 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त सूचना अनुसार रेगिस्तान क्षेत्र बीकानेर एवं जैसलमेर के धोरों में बूंद.बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने पर अधिक पानी दिए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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