सीबीएसई की तर्ज पर राजस्थान बोर्ड की 12वीं और 10वीं की कक्षाओं के नतीजों के लिए पिछले तीन साल के औसत अंकों पर के आधार पर रिजल्ट जारी किया जा सकता है। इसके अलावा 10वीं और 12वीं में लिए गए ऑनलाइन टेस्ट का रिपोर्ट कार्ड भी शामिल किया जाएगा। लेकिन राजस्थान में परिस्थितियों के हिसाब से सीबीएसई के फॉर्मूले में कुछ बदलाव भी किया जा सकता है। हालांकि यह सब निर्णय सोमवार को कमेटी की पहली बैठक में होगा। शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को कमेटी में शामिल किए गए सदस्यों को आदेश जारी किए हैं।
इन्हें किया कमेटी में शामिल
-निदेशक, माध्यमिक शिक्षा राजस्थान
-सचिव, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
-रामानंद शर्मा, शासन उप सचिव शिक्षा
-अनिता मीना, शासन उप सचिव प्रारंभिक शिक्षा
-ममता दाधीच संयुक्त निदेशक राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद
-ललित शंकर आमेटा, प्रोफेसर प्रथम आरएससीईआरटी
-अरुण शर्मा, उप निदेशक माध्यमिक निदेशालय
-रामचंद्र पिलानिया, जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर
-अन्नू चौधरी, प्रधानाचार्य महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल
-डॉ. प्रमोद कुमार, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, निदेशालय
-सुदर्शन कुलहार, शिक्षाविद्
-रामनिवास ढाका, निजी संस्थान प्रतिनिधि
यह हो सकती प्रक्रिया
12वीं कक्षा के लिए
-12 वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं के औसत अंकों को प्राथमिकता दी जा सकती है
-पिछले साल 11 की परीक्षाएं नहीं हुई थी, लेकिन अद्र्धर्वािषक परीक्षाएं ली गई थी
-12वीं की प्री-बोर्ड नहीं हुई, ऐसे में ऑनलाइन टेस्ट के अंकों शामिल किया जा सकता है
-10वीं के परीक्षाओं के अंकों को भी शामिल किया जाएगा
10 वीं कक्षा के लिए
-आठवीं बोर्ड के अंकों से मूल्यांकन किया जाएगा
-9वीं की परीक्षाएं नहीं हुईं, लेकिन अद्र्धर्वािषक परीक्षा के अंक शामिल किए जा सकते हैं
-10 वीं कक्षा में ऑनलाइन टेस्ट के अंकों को शामिल किया जा सकता है
सीबीएसई ने यह अपनाया फॉर्मूला
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के परिणाम के लिए तीन साल के औसत के आधार पर मार्कशीट जारी करने का फॉर्मूला तय किया है। इसमें 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में मिले नंबरों के आधार पर तैयार होगा। अंकों का बंटवारा 30:30:40 के आधार पर होगा।
अभिभावक संघ : सीबीएसई फॉर्मूला लागू हो तो स्वागत
संयुक्त अभिभावक संघ ने सीबीएसई के फार्मूले को काफी हद तक सही माना है। प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि राजस्थान में भी इस फॉर्मूले को अपनाया जाए तो बेहतर ही होगा। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर यह निर्णय सही है। क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ तो कहीं ना कहीं जाकर परिणाम तो निर्धारित करने ही थे। इस निर्णय में बोर्ड ने जो स्कूलों की समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है वह गलत निर्णय है। समिति बननी चाहिए, किन्तु उस समिति में सभी का बराबर प्रतिनिधित्व भी होना चाहिए।
क्या बोले अभिभावक
– बरकत नगर निवासी संजय गोयल मानते हैं कि वर्तमान परिस्थितियों को देखकर सीबीएसई ने जो 30:30:40 का फार्मूला तैयार किया है, वह परिस्थितिवश सार्थक हो सकता है। राजस्थान में यह लागू किया जाता है तो छात्रों के हित सही है। लेकिन परिणाम तय करने का अधिकार स्कूलों को देना पूरी तरह से गलत है। अभिभावकों की ओर से प्रतिनिधि भी शामिल हो।
-संयुक्त अभिभावक संघ की जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा का कहना है कि राजस्थान सरकार ने भी १२वीं बोर्ड परिणाम को लेकर समिति का गठन कर दिया है। लेकिन सरकार और समिति से हमारा कहना है कि वह परिणाम घोषित करने को लेकर जो भी प्रावधान निर्धारित करें, उसमें अभिभावकों के हितों को भी अवश्य शामिल किया जाए।