सीबीएसई ने की विशेष हेल्प डेस्क की स्थापना, कक्षा 10, 12 के परिणाम गणना में स्कूलों को मिलेगी मदद
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बार्ड द्वारा जारी किए गए परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट विधार्थियों को फिर से एग्जाम देने का मौका भी दिया जाएगा। जब भी बोर्ड द्वारा परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, तब विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए वैकल्पिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया जाएगा तथा वैकल्पिक परीक्षा के ही अंकों को अंतिम परिणाम के रूप में माना जाएगा। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार रिजल्ट 45 दिनों के अंदर ही जारी किए जाएंगे। कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि ज्यादातर विद्यालयों में प्रैक्टिकल एग्जाम आयोजित हो चुके हैं। जिन विद्यालयों में परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया था, वे गृह तथा चिकित्सा विभाग द्वारा अनुमति मिलने पर ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित कर सकेंगे।
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शिक्षा मंत्री डोटासरा ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा विभाग ने सभी पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करके 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट का फ़ॉर्मूला तय कर लिया है, जिसका प्रेस नोट भी जारी कर दिया गया है।’ प्राइवेट विधार्थी या ऎसे विद्यार्थी जिन्होंने श्रेणी सुधार हेतु आवेदन किया है उन्हे परीक्षा देनी होगी। समिति की ओर से तय अंक योजना में पूरक आए विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा (कंपार्टमेंट एग्जाम) देनी होगी।
राजस्थान बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं के रिजल्ट के लिए अंकों का निर्धारण 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा (इंटर असेसमेंट) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। 8वीं बोर्ड परीक्षा के अंकों को 45 प्रतिशत, 9वीं कक्षा के अंकों को 25 प्रतिशत और 10वीं कक्षा के प्रदर्शन को 10 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा। कक्षा 10वीं में मार्क्स का निर्धारण विद्यालय विषय समिति द्वारा किया जाएगा। सत्रांक का अंकभार गत वर्षों की तरह 20 प्रतिशत रहेगा। ऐसे में स्कूल 10वीं में 30 अंक (10 अंक प्रोजेक्ट से और 20 अंक सत्रांक के) में से विद्यार्थी के प्रदर्शन अनुसार मार्क्स भेजेंगे।
राजस्थान बोर्ड 12वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए अंकों का निर्धारण 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। 10वीं कक्षा के प्राप्तांकों का वेटेज 40 प्रतिशत, 11वीं के प्राप्तांकों का 20 प्रतिशत और 12वीं का भी 20 फीसदी रहेगा। 12वीं कक्षा के मार्क्स विद्यालय विषय समिति तय करेगी। सत्रांक का वेटेज पहले की तरह 20 फीसदी रहेगा। अब स्कूल 12वीं कक्षा में विद्यार्थी को कुल 40 अंकों में से भेजेंगे।