राजस्थान का सियासी घटनाक्रम रोज नया अध्याय लिख रहा है। करीब एक महीने के बाद सचिन पायलट ने नई दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट गुट वापस लौटेंगे। मगर इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कांग्रेस को घेरा है।
पूनियां ने भाजपा मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि 31 दिन में विधायकों के होटल में रहने और खाने—पीने पर 10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। हवा में उड़कर गए हैं, उसका हिसाब आना बाकी है। इस 31 दिन का जनता की अदालत में आॅडिट होना चाहिए। गहलोत को भाषण का हिसाब और कुल मिलाकर फेयरमोंट और सूर्यगढ़ के खर्चे का हिसाब तो बता ही देना चाहिए।
कांग्रेस अपना अध्यक्ष तक नहीं ढूंढ़ पाई पूनियां ने कहा कि पूरे घटनाक्रम से कांग्रेस के आलाकमान की कमजोरी उजागर हुई है। हास्यास्पद की बात है कि कांग्रेस अभी तक हिन्दुस्तान में अध्यक्ष नहीं ढूंढ़ पाई। चुनाव आयोग की पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट की मर्यादाओं के अनुरूप उन्हें आज रात तक अध्यक्ष भी तलाशना है। लेकिन यह बात सच है कि अभी तक जिस पार्टी ें अध्यक्ष का फैसला भी नहीं हुआ तो तरस आता है कि राजस्थान का फैसला कैसे करते।
ना भाई जागा ना बहन जागी पूनियां ने कहा कि अपुष्ट जानकारी मिली है कि सचिन पायलट की मुलाकात हुई, क्या बात हुई। न आपको पता ना हमको पता। लेकिन ताज्जुब की बात है कि 31 दिन इस रामलीला के हो चुके है। ना भाई जागा, ना बहन जागी और उससे पहले कांग्रेस बेचारी लगातार इधर से उधर भागी।
नैतिकता के आधार पर गहलोत को कुर्सी छोड़नी चाहिए पूनियां ने कहा कि राजस्थान में जो सारा घटनाक्रम हुआ। उसका जनता अपनी अदालत में उसका फैसला करेगी। लेकिन इससे कांग्रेस का असली चरित्र जनता के सामने फिर से आ गया। मुझे लगता नहीं है कि जिस तरीके के हालात राजस्थान में बने है, उसके बाद कांग्रेस स्थिर, मजबूत और ईमानदार सरकार के चला पाएगी। इस पूरे घटनाक्रम के लिए अशोक गहलोत जिम्मेदार है और उन्हें नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी को छोड़ देना चाहिए।
एकता हो गई तो अब काम करो पूनियां ने कहा कि कांग्रेस में एकता हो गई खुशी की बात है। मगर अब काम करो। सबसे पहले जो किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, उसे पूरा करके करामात करो। बिजली के बिल माफ करने की डिमांड, बेरोजगारी और बढ़ते अपराधों पर भी कुछ रहम करो।