दिल्ली रोड स्थित होटल फेयरमॉन्ट में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए माकन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश कोरोना महामारी से देश जूझ रहा है। 14 करोड़ से अधिक लोगों से रोजगार छिन गए। चीन कब्जा जमाए बैठा है। इन सबसे लडऩे की बजाय केंद्र सरकार कांग्रेस की चुनी हुई सरकार से लड़ रही है। मोदी सरकार और भाजपा ने प्रजातंत्र पर हमला बोल रखा है। न्यायपालिका से आपेक्षित न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है।
पांच सवाल
1- क्या देश को प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपाई हमला स्वीकार है? 2- बहुमत और जनमत का निर्णय राजस्थान की आठ करोड़ जनता के वोट से होगा या दिल्ली सरकार तय करेगी?
1- क्या देश को प्रजातंत्र और संविधान पर भाजपाई हमला स्वीकार है? 2- बहुमत और जनमत का निर्णय राजस्थान की आठ करोड़ जनता के वोट से होगा या दिल्ली सरकार तय करेगी?
3- क्या प्रधानमंत्री और भारत सरकार संविधान व स्थापित संवैधानिक परम्पराओं को नाजायज सत्ता प्राप्ति की हवस के पांव तले रौंद सकती है? 4- क्या बहुमत से चुनी हुई राजस्थान सरकार के द्वारा बुलाए गए विस सत्र को राज्यपाल अनुमति देने से इनकार कर संविधान की अवहेलना कर सकते हैं?
5- क्या राज्यपाल विधायकों के क्षेत्र में असंवैधानिक तौर से दखलअंदाजी कर सकते हैं। इससे विधायका और न्याय पालिका के बीच टकाराव की स्थिति पैदा नहीं होगी। जवाब तो उन्हेें देना ही होगा
सचिन पायलट को लेकर माकन ने कहा कि उनके खिलाफ पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। स्पीकर ने उनसे जवाब मांगा है। यदि वे पार्टी के खिलाफ नहीं है तो उनके विधायक कोर्ट में ये अर्जी क्यों लगाते हैं कि केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाए। उनके विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग क्यों करते हैं। हरियाणा सरकार और दिल्ली पुलिस के सहारे अपना बचाव क्यों करते हैं? प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते बातचीत कर सकते थे। विधायक दल की बैठक में अपना पक्ष रखते। अब तो उन्हें हर सवाल का जवाब देना ही होगा।
सचिन पायलट को लेकर माकन ने कहा कि उनके खिलाफ पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। स्पीकर ने उनसे जवाब मांगा है। यदि वे पार्टी के खिलाफ नहीं है तो उनके विधायक कोर्ट में ये अर्जी क्यों लगाते हैं कि केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाए। उनके विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग क्यों करते हैं। हरियाणा सरकार और दिल्ली पुलिस के सहारे अपना बचाव क्यों करते हैं? प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते बातचीत कर सकते थे। विधायक दल की बैठक में अपना पक्ष रखते। अब तो उन्हें हर सवाल का जवाब देना ही होगा।