हनुमानगढ़ जिले में भाजपा को ज्यादा नुकसान:
हनुमानगढ़ जिले के 5 निकायों में चुनाव हैं और पांचों में भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। रावतसर, नोहर, भादरा, पीलीबंगा, संगरिया निकायों के कुल 185 वार्डों में से भाजपा मात्र 79 में प्रत्याशी उतार पाई है। संगरिया के 35 में से भाजपा मात्र 3 और नोहर के 40 में से केवल 7 वार्डों में प्रत्याशी उतार पाई है। पार्टी में चर्चा है कि वजह किसान आंदोलन है। वहीं, एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि पार्टी को कोई नुकसान न हो, इसके लिए निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन दिया गया है।
सूजानगढ़ में उपचुनाव, यहां भी दोनों दलों को नहीं मिले प्रत्याशी:
सूजानगढ़ में विधानसभा उपचुनाव होना है। यहां भी भाजपा और कांग्रेस दोनों को निकायों में पूरे प्रत्याशी नहीं मिले हैं। कुल 60 में से भाजपा 46 और कांग्रेस 41 वार्डों में ही प्रत्याशी उतार पाई है।
नोखा में कांग्रेस के सिम्बल पर एक भी प्रत्याशी नहीं:
बीकानेर की नोखा नगर पालिका में कांग्रेस एक भी वार्ड में प्रत्याशी खड़ा नहीं कर सकी है। जबकि भाजपा ने 45 में से 44 वार्डों में प्रत्याशी उतारे हैं। बीकानेर से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे कन्हैयालाल झंवर के पुत्र नोखा में एनसीपी के सिंबल पर अपने प्रत्याशी लड़वा रहे हैं। एनसीपी यहां 45 ही वार्डों में चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस ने कुछ वार्डों में रणनीति अपनाई और जहां दो मजबूत कार्यकर्ता हैं वहां सिंबल नहीं दिए हैं। कुछ जगह जातिगत समीकरणों को देखते हुए भी उम्मीदवार नहीं उतारे। कुछ विशेष वार्डों में क्षेत्रीय नेताओं से चर्चा कर रणनीति के तहत सिंबल नहीं दिए हैं।
– गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
कुछ वार्डों में सिंबल नहीं देना हमारी रणनीति का हिस्सा है। कुछ जगह से मांग आई थी कि निर्दलीय को ही समर्थन दिया जाए। कुछ जगह पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन खारिज भी हुए हैं। लेकिन जहां सिंबल नहीं दिए वहां भी पार्टी समर्थित प्रत्याशी ही जीतेंगे।
– सतीश पूनिया, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा