RIP : नहीं रहे राजस्थान के पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह, आज सुबह ली अंतिम सांस

राजस्थान के पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह का निधन, लखनऊ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट में ली अंतिम सांस, पार्थिव देह को ले जाया जा रहा प्रयागराज, राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निधन पर जताया शोक, पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की

जयपुर। राजस्थान और गुजरात के राज्यपाल रहे अंशुमान सिंह आज इस दुनिया से रुखसत हो गए। उनके निधन की खबर से राजनीतिक क्षेत्र और उनके शुभचिंतकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में लखनऊ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिटयूट में अंतिम सांस ली।

फिलहाल उनके पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज ले जाया जा रहा है। बताया गया है कि वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे। राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व राज्यपाल अन्सुमान सिंह के निधन पर गहरा दुःख जताया है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति रहे अंशुमान सिंह ने राजस्थान के राज्यपाल के रूप में 16 जनवरी, 1999 को पदभार ग्रहण किया था।

राजकीय शोक घोषित
पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह के निधन को देखते हुए आज एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। वहीं सरकारी कार्यालयों में भी एक दिन का राजकीय अवकाश रहेगा। इसी तरह से सभी न्यायालयों में भी अवकाश घोषित किया गया है। यही नहीं महिला दिवस के अवसर पर आज पूर्व प्रस्तावित सरकारी आयोजन भी रद्द रहेंगे।

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अंशुमान सिंह- जीवन
– अंशुमान सिंह का जन्म 7 जुलाई, 1935 को इलाहाबाद में हुआ था
– वर्ष 1957 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
– कानून के क्षेत्र में गहरी रूचि के कारण वर्ष 1957 में 22 वर्ष की आयु में ही जिला न्यायालय, इलाहाबाद में वकालत शुरू की।
– वर्ष 1968 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जुड़े। अपनी मेहनत और न्याय के लिये प्रतिबद्धता के कारण वर्ष 1976 में आपको इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया।
– वर्ष 1984 में आप इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त हुए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भी रहे। कार्यकाल में कर्मचारी कल्याण की अनेक योजनाएँ शुरू की गई।
– 1994 में वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानान्तरित किये गये।
– वर्ष 1996 में आप राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश नियुक्त हुए, और अपनी सेवानिवृति तक इस पद पर रहे।
– वर्ष 1994 से 1997 तक आपने चार बार कार्यवाहक राज्यपाल के रूप में भी पद भार ग्रहण किया।
– 7 अप्रेल, 1998 को आपको राजस्थान राज्य विधिक सेवा अधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
– 17 अप्रेल, 1998 को आपको गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस गरिमामय पद पर 13 मई 2003 तक आसीन रहे।
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