शिक्षा पर खर्च बढ़ाया जाए, स्टार्टअप्स व युवा व्यापारियों को आसानी से मिले ऋण

पत्रिका राउंड टेबल टॉक : युवाओं व विद्यार्थियों ने कहा – रोजगार को बढ़ावा मिले, नई भर्तियां निकाल कर समय पर पूरी की जाए

जयपुर। कोरोना काल में सबसे लम्बे समय तक शिक्षा क्षेत्र बंद रहा। करीब दस महीने बाद 18 जनवरी से स्कूल-कॉलेज-कोचिंग आदि खोले गए हैं। इस दौरान भर्तियां भी काफी कम निकली। ऐसे में शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत है। युवाओं को उम्मीद है सरकार के आगामी बजट से। राजस्थान पत्रिका की ओर से शुरू की गई जनता का बजट, जनता की अपेक्षा राउंड टेबल टॉक की छठीं शृंखला के तहत युवाओं ने अपनी अपेक्षा बताई। उन्होंने सरकारी नौकरियों से इतर एंटरप्रेन्योर बनने की प्रक्रिया के सरलीकरण पर विशेष फोकस किया।
ये अपेक्षाएं अधिक

– बजट में शिक्षा पर खर्च का हिस्सा बढ़ाया जाए।

– एंटरप्रेन्योरशिप व स्किल डवलपमेंट पर विशेष फोकस किया जाए।

– स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए लोन की प्रकिया को आसान बनाया जाए। अभी फाइनेंस के अभाव में 80 फीसदी से अधिक स्टार्टअप्स कुछ महीने में ही दम तोड़ देते हैं।
– नई भर्तियां निकाली जाए। उन्हें एक तय समय सीमा में पूरा किया जाए।

– आरपीएससी व कर्मचारी चयन बोर्ड भर्तियों का कैलेंडर बनाए। भर्तियां समय पर पूरी की जाए।

– रिसर्च को बढ़ावा दिया जाए।
– मेन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगे, इसे लिए नीतियों को आसान किया जाए। इससे निजी क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा।

– पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाएं। कोरोना काल में लाखों छात्र व युवा बेरोजगारी के कारण घर लौट गए। अब सरकार रास्ते खोले और उनको रोजगार उपलब्ध करवाए।
– विक्की यादव, डाइगनोस्टिक संचालक

– राजस्थान सरकार ने पिछले साल बजट का 17 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया, जबकि तमिलनाडु ने 54 प्रतिशत। राज्य सरकार शिक्षा पर खर्च को बढ़ाए। रोजगार शुरू करने के लिए सरकार सिंगल विंडो सिस्टम बनाए।
-ऋषभ मित्तल, सिविल सर्विस की तैयारी करने वाला छात्र

– सरकार ने युवाओं मुद्रा लोन का प्रावधान कर रखा है। लेकिन, इसके तहत लोन लेना बेहद मुश्किल है। युवाओं को लोन नहीं मिलता। यूथ के पास आइडिया है। बिना सिक्योरिटी युवाओं को आसानी से लोन उपलब्ध करवाया जाए।
– शैलेंद्र प्रताप सिंह, डिजिटल मार्केटिंग

– सरकार ने सीतापुरा में कोचिंग हब बनाने की बात कही है। लेकिन, वह जगह काफी कम है। इसे बड़ी जगह शुरू किया जाना चाहिए। कोचिंग हब से युवाओं व छात्रों को सहूलियत होगी।
– दीपक अजमेरा, युवा व्यापारी

– कोरोना काल के दस महीने में काफी बदलाव आया है। अब बजट में सरकार नई भर्तियां निकाले। उन्हें समय पर पूरी भी करे। सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
– रमेश भाटी, एनएसयूआइ

– प्राइवेट स्कूलों की फीस का मामला निपटाया जाए। काफी भर्तियां रद्द हो गई। रोजगार के नए अवसर पैदा करें। शिक्षा क्षेत्र पूरा खोला जाए। टोल मुक्त राजस्थान का सपना साकार किया जाए।
– हीरालाल मीणा, युवा कांग्रेस

– दस फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाए। रिसर्च में स्थिति खराब है। विवि में रिसर्च के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है। कुलपतियों की नियुक्ति राजनीतिक आधार पर की जा रही है। इस पर ध्यान देने की जरुरत है।
– हुश्यार मीणा, एबीवीपी

– भर्तियां केवल वाहवाही लूटने के लिए निकाली जाती है। कोरोना काल के कारण जिनकी आयु सीमा निकल गई। उन्हें मौका दिया जाए।

– सिमरन सिंह मीणा, युवा वकील
– समय पर न परीक्षा के फॉर्म भरे जाते हैं और न ही भर्तियों के। सरकार फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा होने व नियुक्ति दिए जाने तक की प्रकिया का टाइमफ्रेम निर्धारित करे।

– निकिता शर्मा, पैरा मेडिकल विद्यार्थी
– फिजियोथैरेपी की काउंसिल बनाए जाए, ताकि तरक्की कर सके। सरकारी अस्पतालों में फिजियोथैरेपिस्टि के पद सृजित किए जाए और उनकी भर्ती की जाए।

– प्रतिष्ठा कौशिक, फिजियो थैरेपी विद्यार्थी

– बड़ी-बड़ी कम्पनियों को आसानी से लोन मिल जाता है, लेकिन युवाओं को नहीं मिला पाता। कभी प्रोजेक्ट रिपोर्ट सबमिट करो, कभी क्या। इस प्रकिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए।
– पल्लवी अग्रवाल, स्मॉल स्टार्टअप्स

– कोरोना काल में युवा एक साल पीछे हो गए। इस दौरान न भर्तियां निकली और न ही परीक्षा हुई। ऐसे में सरकार आगामी भर्तियों में आयु सीमा को बढ़ाए।
योगिता शर्मा, पैरामेडिकल विद्यार्थी
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