जयपुर। लॉकडाउन के बीच डाक विभाग ने राजधानी जयपुर समेत राज्यभर में डाकघरों को ताले लगाने शुरू कर दिए हैं। अभी तक 10 डाकघर बंद किए जा चुके हैं, इन्हें पास के दूसरे डाकघर में मर्ज किया गया। इसके अलावा अन्य डाकघरों की सूची भी तैयार है। जहां भी डाकघर बंद किए गए हैं, वहां अगले दिन सूचना चस्पा कर रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया को इतना गोपनीय रखा जा रहा है कि स्टॉफ तक को उसी दिन जानकारी दी जा रही है। अब मामला केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तक पहुंच गया है। जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर हस्तक्षेप के लिए कहा है। उन्होंने लॉकडाउन के बीच और जनता के पास संचालित डाकघरों को बंद करने पर आपत्ति जताई है। दिल्ली में मुख्यालय से हस्तक्षेप के लिया कहा गया है। यहां करीब 1 लाख खाताधारक हैं। सूत्रों के मुताबिक गुजरात में भी पहले ऐसा किया गया।
इन्हें किया बंद जयपुर में राजस्थान स्टेट होटल, बरकत नगर, जगतपुरा में सरस्वती नगर, हीरापुरा व रामगंज डाकघर को दूसरे डाकघर में मर्ज कर दिया गया। इनके अलावा भीलवाड़ा मण्डल में 2, ब्यावर में 1 और डूंगरपुर मंडल में 2 डाकघर मर्ज किए गए हैं वहीं, कोटा में 5 डाकघर बंद करने की तैयारी थी लेकिन जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल रुक गई।कई डाकघरों में बड़ी संख्या में खताधाराक हैं। इनके अलावा डाक बुकिंग से लेकर अन्य कई कार्यों के लिए लोगों का जमघट लगा रहता है।
डाकघर में स्थिति..
बरकत नगर डाकघर : 50 हजार खाते, करीब एक करोड़ रुपए का लेनदेन, हर डाक बुकिंग।
राजस्थान स्टेट होटल : 20 हजार खाते, चालीस लाख रुपए से ज्यादा लेनदेन, 150 से ज्यादा डाक बुकिंग।
सरस्वती नगर : 5 हजार एक्टिव खाते, दस लाख रुपए का लेनदेन, 200 डाक बुकिंग।
हीरापुरा : 15 हजार खाते, चालीस लाख का लेनदेन व 400 डाक बुकिंग।
बरकत नगर डाकघर : 50 हजार खाते, करीब एक करोड़ रुपए का लेनदेन, हर डाक बुकिंग।
राजस्थान स्टेट होटल : 20 हजार खाते, चालीस लाख रुपए से ज्यादा लेनदेन, 150 से ज्यादा डाक बुकिंग।
सरस्वती नगर : 5 हजार एक्टिव खाते, दस लाख रुपए का लेनदेन, 200 डाक बुकिंग।
हीरापुरा : 15 हजार खाते, चालीस लाख का लेनदेन व 400 डाक बुकिंग।
जवाब मांगते सावल…
-कई डाकघर में बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही लगी रहती है, तो फिर बंद क्यों किए।
-डेढ़ किलोमीटर दायरे में एक से ज्यादा डाकघर होने पर मर्ज होने का तर्क। जहां 3 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर डाकघर है ही नहीं, वहां लोगों को पास ही डाकघर की सुविधा क्यों नहीं।
-यह ऐसा सेक्टर है, जहां केवल मुनाफे के लिए काम नहीं हो सकता। ऐसे भी घाटा या मुनाफे पर जोर दिया जा रहा है।
-कई डाकघर में बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही लगी रहती है, तो फिर बंद क्यों किए।
-डेढ़ किलोमीटर दायरे में एक से ज्यादा डाकघर होने पर मर्ज होने का तर्क। जहां 3 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर डाकघर है ही नहीं, वहां लोगों को पास ही डाकघर की सुविधा क्यों नहीं।
-यह ऐसा सेक्टर है, जहां केवल मुनाफे के लिए काम नहीं हो सकता। ऐसे भी घाटा या मुनाफे पर जोर दिया जा रहा है।
-उच्च स्तर पर हुए निर्णय के आधार पर डेढ़ किलोमीटर दायरे में दो डाकघर में से एक को मर्ज किया जा रहा है। जिस डाकघर में मर्ज कर रहे हैं, वहां उपभोक्ताओं को और भी बेहतर सुविधा दी जा रही है। -बी.एल. भाटी, प्रवर अधीक्षक डाकघर (जयपुर शहर), डाक विभाग