कैमरे में हुआ था ट्रैप
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को मोती डूंगरी की पहाडिय़ों में एक ऑटोचालक और पर्यटक नेहा ने सबसे पहले बघेरे को देखा था। नेहा ने उसका वीडियो भी बनाया था, इसके बाद रेंजर जनेश्वर चौधरी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पंहुची थी और बघेरे की तलाश की थी लेकिन वह नजर नहीं आया, जिसके बाद वन विभाग ने यहां एक के बाद एक दो पिंजरे लगाए थे साथ ही कैमरा भी लगाया था, जिससे बघेरा यहां आए तो उसे ट्रेप किया जा सके। कैमरे में भी बघेरे को ट्रेप किया गया। जिसके बाद वन विभाग की टीम एक बार फिर अलर्ट मोड मेें आकर बघेरे की तलाश में जुट गई लेकिन देर रात बघेरा नहीं मिला।
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को मोती डूंगरी की पहाडिय़ों में एक ऑटोचालक और पर्यटक नेहा ने सबसे पहले बघेरे को देखा था। नेहा ने उसका वीडियो भी बनाया था, इसके बाद रेंजर जनेश्वर चौधरी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पंहुची थी और बघेरे की तलाश की थी लेकिन वह नजर नहीं आया, जिसके बाद वन विभाग ने यहां एक के बाद एक दो पिंजरे लगाए थे साथ ही कैमरा भी लगाया था, जिससे बघेरा यहां आए तो उसे ट्रेप किया जा सके। कैमरे में भी बघेरे को ट्रेप किया गया। जिसके बाद वन विभाग की टीम एक बार फिर अलर्ट मोड मेें आकर बघेरे की तलाश में जुट गई लेकिन देर रात बघेरा नहीं मिला।