राजस्थान के ज्यादातर जिलों में मारामारी, जानिए कितने रुपए में खरीदना पड़ रहा ऑक्सीजन सिलेंडर

कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच राजस्थान में भी ज्यादातर जिलों में ऑक्सीजन की किल्लत खड़ी हो गई है। चिकित्सा विभाग और संबंधित सरकारी अफसरों की लापरवाही के कारण मारामारी के हालात बनते जा रहे हैं।

<p>आॅक्सीजन सिलिंडर</p>

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर। कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच राजस्थान में भी ज्यादातर जिलों में ऑक्सीजन की किल्लत खड़ी हो गई है। चिकित्सा विभाग और संबंधित सरकारी अफसरों की लापरवाही के कारण मारामारी के हालात बनते जा रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल की तो सामने आया कि जयपुर सहित विभिन्न जिलों के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति की ओर सरकार का ध्यान ही नहीं है।

हालात ये हैं कि जिन निजी प्लांट से निजी अस्पताल पहले तय दर पर ऑक्सीजन खरीदते थे, वे भी अब कालाबाजारी पर उतर आए हैं। जयपुर के ही निजी अस्पताल जो सिलेंडर पहले 175 रुपए का खरीदते थे, अब 400 रुपए तक में खरीदना पड़ रहा है। अकेले जयपुर और आसपास 10 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट हैं, जहां से अस्पतालों को आपूर्ति होती है। इन प्लांटों से आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए औषधि नियंत्रण संगठन ने औषधि नियंत्रण अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया लेकिन इससे भी व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई।

————————————————————
राज्य में किस जिले की क्या स्थिति
————————————————————
जयपुर: मरीजों को भेजना पड़ा दूसरे अस्पताल
जयपुर में एक निजी अस्पताल संचालक के अनुसार सोमवार देर रात ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण ३-४ संक्रमितों को दूसरे अस्पतालों में भेजना पड़ा। संचालक ने कहा, ऐसा दृश्य अब से पहले नहीं देखा।
————————————————————
हनुमानगढ़: बाहर से मंगवाने पड़ रहे सिलेंडर
हनुमानगढ़ जिले में 40 से 45 सिलेंडर की खपत हो रही है। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट संचालित हैं। वहां से प्रतिदिन लगभग 40 सिलेंडर ऑक्सीजन ही उत्पादित हो रही है। रोजाना ५ सिलेंडर बाहर से खरीदने पड़ रहे हैं। अभी जिले में एमजीएम जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही कोविड संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है। फिलहाल 50 रोगी भर्ती हैं जबकि शेष 1070 रोगी होम आइसोलेट हैं। रोगियों की संख्या लगातार बढ़ी तो जिला अस्पताल में खपत के अनुरूप ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट से नहीं मिल पाएंगे।
————————————————————
बांसवाड़ा: वेंटिलेटर का नहीं कर पा रहे इस्तेमाल
बांसवाड़ा जिले में प्रतिदिन 40 सिलेंडर ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। ज्यादा खपत के कारण वेंटिलेटर का इस्तेमाल किया ही नहीं जा रहा। ज्यादा गम्भीर रोगी उदयपुर रैफर किए जा रहे हैं। रात के समय संक्रमित बढऩे से 4-5 सिलेंडर की किल्लत रोजाना हो रही है। जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में मांग के मुकाबले ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो रही है। उदयपुर में भी किल्लत के कारण आपूर्ति नियमित नहीं आ रही। ऐसे में बचत के सिलेंडर जोड़कर काम चलाया जा रहा है।
————————————————————
उदयपुर: पाली व चित्तौड़ से मंगवाने पड़े सिलेंडर
उदयपुर जिले में प्रतिदिन 1600-1700 सिलेंडर की आवश्यकता पड़ रही है। पिछले 2 दिन से किल्लत थी लेकिन दावा है कि मंगलवार को चित्तौडग़ढ़ और पाली से सिलेंडर मंगवाकर वैकल्पिक इंतजाम किया गया।
————————————————————
धौलपुर: ग्वालियर से आपूर्ति बन्द
धौलपुर जिले में पहले ग्वालियर से आपूर्ति हो रही थी लेकिन वहां से बन्द कर दी गई है। फिर उत्तरप्रदेश से मांगी गई लेकिन वहां से भी राज्यवार देने के कारण मना कर दिया गया। अब एडवांस व्यवस्था के लिए चित्तौडग़ढ़ तथा भरतपुर से सिलेण्डर मांगे गए हैं। आने वाले दिनों में बड़ी किल्लत की आशंका है।
————————————————————
बीकानेर: निजी अस्पतालों में परेशानी
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए हर दिन 750 सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। फिलहाल आपूर्ति थोड़े व्यवधान के बाद हो रही है। निजी अस्पतालों को मांग के मुकाबले आधे सिलेंडर भी नहीं मिल रहे हैं।
————————————————————
चित्तौडग़ढ़: भीलवाड़ा भेजे जा रहे सिलेंडर
चित्तौडग़ढ़ जिले में 50 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता प्रतिदिन पड़ रही है। जिले में फिलहाल ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है बल्कि यहां से भीलवाड़ा सहित अन्य जिलों में भेजी जा रही है।
————————————————————
कोटा: लिक्विड टैंक खाली, उद्योगों की ऑक्सीजन मेडिकल को
कोटा में 1600 से 1800 सिलेंडर की रोजाना जरूरत पड़ रही है। कुल 1154 सिलेंडर हैं। बी टाइप के 300 सिलेंडर पर्याप्त हैं लेकिन ऑक्सीजन फिलिंग क्षमता मांग को पूरा नहीं कर पा रही है। लिक्विड टैंक खाली हो गया है। जिला प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र की आपूर्ति रोककर मेडिकल में दी है, जिससे व्यवस्था बन पाई है।
————————————————————
जोधपुर: 3500 सिलेंडरों की जरूरत, आ रहे केवल 3 हजार
जोधपुर जिले में रोजाना 3 हजार सिलेंडरों की आवश्यकता पड़ रही है। मांग के अनुरूप पूर्ति नहीं हो रही है। निजी अस्पतालों में दिक्कत हो रही है। जिले में 1144 मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों भर्ती हैं। तीन हजार सिलेंडर आ रहे है लेकिन दरकार 3500 से ज्यादा की है।
————————————————————
यहां थोड़ी राहत
अजमेर जिले में रोजाना कोरोना संक्रमितों के लिए 1000 सिलेंडरों की जरूरत पड़ रही है जबकि उपलब्धता 1600 सिलेंडरों की है। यहां ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है। सवाईमाधोपुर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू होने से आपूर्ति फिलहाल पर्याप्त है। वेंटिलेटर के मामलों में 25 सिलेंडरों की आवश्यकता पड़ती है। जैसलमेर अस्पताल में 40 सिलेंडर स्टॉक में हैं जबकि 20 कोविड मरीज भर्ती हैं। सीकर जिले में रोजाना 350, झुंझूनूं में 100, चूरू में 60 सिलेंडरों की खपत हो रही है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.