राजस्थान पत्रिका अवैध खनन की खबर दे रहा है, लेकिन सरकार कार्रवाई करना नहीं चाहती

विधानसभा में छाया रहा बजरी के अवैध खनन का मुद्दा

<p>राजस्थान पत्रिका अवैध खनन की खबर दे रहा है, लेकिन सरकार कार्रवाई करना नहीं चाहती</p>
जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को दिन भर बजरी के अवैध खनन का मुद्दा छाया रहा। कई सदस्यों ने प्रदेश मेंं बजरी के अवैध कारोबार के बेलगाम होने और इससे बढ़ते अपराधों का मुद्दा उठाते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा सदस्य किरण माहेश्वरी ने इस दौरान राजस्थान पत्रिका में बजरी के अवैध खनन को लेकर प्रकाशित हो रहे समाचार अभियान का हवाला देते हुए कार्रवाई नहीं करने पर सरकार को घेरा।
राठौड़ ने स्थगन प्रस्ताव पर अध्यक्षीय व्यवस्था के तहत यह मामला उठाते हुए कहा कि राजस्थान पत्रिका में अवैध खनन के समाचार, फोटो प्रकाशित हो रहे हैं। लेकिन सरकार कोई कार्रवाई करना नहीं चाहती। सरकार की मंशा ही नहीं है। राठौड़ ने बजरी ट्रकों के नीचे लोगों के कुचलने की कई घटनाओं को गिनाते हुए कहा कि खनन माफिया इतना बेखौफ हो गया है कि रात को हैलोजन लगा कर नदियों में खनन किया जाता है। फिर इसे ले जाते वक्त जल्दी में दुर्घटनाएं करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया, लेकिन सरकार नहीं लेती। मलारना डूंगर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सवाईमाधोपुर विधायक ने अवैध वसूली का वीडियो सरकार को दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। राठौड़ ने सरकार के नारे पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार की अवैध खनन और बजरी माफिया पर कार्रवाई की मंशा ही नहीं है, क्योंकि यह ‘संवेदनशील सरकार’ है।
माफिया कर रहा तांडव, सरकार लाचार

बजट पर बहस के दौरान भाजपा की किरण माहेश्वरी ने कहा कि सरकार इतनी लाचार है कि बजरी माफिया का तांडव चल रहा है। सरकार इस पर कार्रवाई की बात नहीं कर रही, बल्कि उसे संरक्षण दिया जा रहा है। कोई गांव वाला शिकायत करे तो उसीके खिलाफ कार्रवाई हो जाती है। एक प्रतिष्ठित अखबार समाचार की सीरीज चला रहा है। अखबार निष्पक्ष होते हैं। अगर अखबार ने कोई बात कही है तो उसे ध्यान से देखा जाए कि कैसे सुधार किया जा सकता है।
रामलाल का तर्क, खनन पट्टा नहीं, इसलिए अवैध खनन

कांग्रेस के रामलाल जाट अवैध खनन के लिए पूर्व सरकार को जिम्मेदार बताते हुए अपना तर्क दिया। उन्होंने कह कि पिछली सरकार ने खातेदारी के अलावा एक भी खनन पट्टा नहीं दिया तो अवैध बजरी क्यों नहीं होगी? खनन नीति को कुछ लोगों के स्वार्थ के खातिर तोड़ा-मरोड़ा गया। इस नीति में एक भी पट्टा जारी नहीं हो पाया। इसीलिए अवैध खनन का काम हो रहा है। नई खनन नीति बननी चाहिए।
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