जयपुर में धमाकों से दहशत, आतंकियों के घुसने की सूचना पर कमांडो ने संभाला मोर्चा, आतंकियों को तलाशने की थी रिहर्सल

बिड़ला मंदिर और मोती डूंगरी पहाड़ी पर आतंकियों के घुसने की सूचना पर एटीएस व एनएसजी कमांडो ने गुरुवार रात को क्षेत्र को घेर लिया। आतंकी और कमांडोज के बीच करीब सवा घंटे तक फायरिंग होती रही और रह-रहकर धमाकों की आवाज आने से आस-पास के क्षेत्र में दहशत बनी रही।

जयपुर. बिड़ला मंदिर और मोती डूंगरी पहाड़ी पर आतंकियों के घुसने की सूचना पर एटीएस व एनएसजी कमांडो ने गुरुवार रात को क्षेत्र को घेर लिया। आतंकी और कमांडोज के बीच करीब सवा घंटे तक फायरिंग होती रही और रह-रहकर धमाकों की आवाज आने से आस-पास के क्षेत्र में दहशत बनी रही। मौके पर जुटे पुलिसकर्मी और सिविल डिफेंस की टीम मॉक ड्रिल होना बताते रहे। बाद में पुलिस कमिश्नरेट के आला अधिकारियों ने कहा कि यह मॉक ड्रिल नहीं थी। एनएसजी और एटीएस के कमांडो ने मंदिर और पहाड़ी पर रिहर्सल की थी। इस रिहर्सल की जानकारी पहले से थी।

पुलिस कन्ट्रोल रूम ने 8.17 बजे सबको एक साथ दी सूचना
पुलिस कन्ट्रोल रूम ने गुरुवार रात 8.17 बजे स्थानीय थाना, सिविल डिफेंस कन्ट्रोल रूम, पुलिस अधिकारियों को बिड़ला मंदिर में आतंकियों के घुसने की सूचना दी। कुछ देर बाद ही स्थानीय पुलिस यहां पहुंच गई। एटीएस भी आ गई। 8.35 से 8.45 बजे तक सिविल डिफेंस, दमकल, एम्बुलेंस और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पहुंच गए।

एनएसजी के आने तक एटीएस ने मोर्चा संभाला
पुलिस कन्ट्रोल रूम ने 8.17 बजे एनएसजी कमांडो को आतंकियों की सूचना दी। एनएसजी बेस कैम्प से रवाना होकर करीब 9.15 बजे यहां पहुंची। तब तक एटीएस कमांडो बिड़ला मंदिर में मोर्चा संभाले हुए थे। एनएसजी कमांडो के पहुंचने पर दोनों ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला। एनएसजी व एटीएस कमांडो ने मंदिर और पहाड़ी पर आतंकियों की तलाश में करीब सवा घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। रिहर्सल के दौरान आतंकियों के वेश में छिपे बदमाशों से आमना-सामना हुआ। फायरिंग (खाली बंदूक से फायरिंग जैसी आवाज) से क्षेत्र में धमाके सुनाई देते रहे। कमिश्नरेट के कमांडो ने भी मंदिर के बाहरी क्षेत्र में मोर्चा संभाल रखा था। रिहर्सल का पता चलने पर जवाहर लाल नेहरू मार्ग पर कमांडो ऑपरेशन देखने वाले लोगों में कौतुहल भी बना था।

पुलिस की बाहरी जिम्मेदारी, फिर भी लगा जाम
रिहर्सल के दौरान पुलिस को जेएलएन मार्ग और मंदिर के बाहर के क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई। आस-पास के थाने और लाइन से पुलिस बल पहुंचा। पुलिस ने जेडीए चौराहा, त्रिमूर्ति सर्कल और बिड़ला मंदिर के पास वाले मार्ग पर यातायात बंद कर दिया। लेकिन अचानक बंद किए गए यातायात से लंबा जाम लग गया। लोगों ने बताया कि यह तो रिहर्सल थी, असली घटना होने पर भी पुलिस जाम में फंसे लोगों को यूं ही छोड़ देती क्या? भविष्य में मॉक ड्रिल या फिर रिहर्सल के दौरान ट्रैफिक में फंसे लोगों को कैसे निकालें, इसका इंतजाम किया जाना चाहिए।

यहां गार्ड नजर आया सतर्क
राजस्थान विश्वविद्यालय के गार्ड को बिड़ला मंदिर और आस-पास के क्षेत्र में आतंकी घुसने की सूचना मिली। उसी पल गार्ड ने विश्वविद्यालय परिसर में बने क्वार्टरों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया। गार्ड ने सभी लोगों को घर के अंदर रहने के साथ सावधान रहने के लिए जागरूक किया।

जयपुर सहित प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर एनएसजी और एटीएस कुछ माह के अंतराल में रिहर्सल करती है। इसकी पहले से जानकारी थी। आतंकियों के छिपने पर उस स्थान पर कैसे प्रवेश किया जाए। अंदर की बनावट कैसी है। यह सब देखा जाता है। ताकि महत्वपूर्ण स्थलों की बनावट से कमांडो परिचित रहे।
अजयपाल लांबा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, जयपुर कमिश्नरेट

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