गिरधरलाल व लखनलाल मीणा ने मिलीभगत करके 81 बोरी सरसों की जगह 118 बोरी सरसों का इन्द्राज करके 50 हजार 320 रुपए के स्थान पर 1 लाख 60 हजार 480 रुपए का भुगतान उठा लिया। वर्ष 2005 के इस मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रट ने सपोटरा के जीरोता निवासी गिरधरलाल शर्मा व लखनलाल मीणा को फर्जीकारी व छल करने का दोषी मानते हुए तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो हजार रुपए अर्थदंड किया है।