UDH मंत्री के औचक निरीक्षण का डर, काम में दिखी तेजी

—ग्रेटर आयुक्त ने कैम्प ही लगवा ली कुर्सी, हैरिटेज मुख्यालय में आयुक्त ने कैम्प में बैठकर फाइलों का कराया निस्तारण

जयपुर। प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने की गति बढ़ाने के लिए अब राजधानी के दोनों नगर निगमों और जेडीए के आला अधिकारियों ने जिम्मेदारी संभाल ली है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के औचक निरीक्षण के बाद ये बदलाव आया है। ग्रेटर नगर निगम आयुक्त ने मुख्यालय में लगे कैम्प में ही अपनी कुर्सी लगवा ली। हालांकि वे कम ही बैठे, लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में काम बेहतर तरीके से हुआ। वहीं, हैरिटेज नगर निगम में खुद आयुक्त अवधेश मीणा ने कैम्प में बैठकर फाइलों का निस्तारण करवाया।
दरअसल, तय लक्ष्य से निगम और जेडीए पीछे चल रहे हैं। ऐसे में आला अधिकारियों औचक निरीक्षण का डर सता रहा है।
गौरतलब है कि बुधवार को ग्रेटर नगर निगम में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान कई अनियमितताएं सामने आई थीं।
8400 आवेदन आए, 7600 पट्टे किए जारी
जेडीए ने अब तक 7600 पट्टे अभियान के दौरान जारी किए हैं। हालांकि, 8400 आवेदन आए हैं। गुरुवार को भांकरोटा की जेडीए कॉलोनी निवासी नासिर मोहम्मद दृष्टिहीन हैं। 2016 से पट्टा लेने के लिए प्रयासरत थे। कॉलोनी निवासी राजेंद्र सिंह राठौड़ उनको लेकर आए। बकाया एक लाख रुपए से अधिक था। वो जमा करवाया और शाम तक पट्टा जारी कर दिया। जोन उपायुक्त प्रवीण अग्रवाल ने प्राथमिता से दो घंटे में पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को पूरा किया।

जेडीए: इन जोन में सर्वाधिक पट्टे जारी
जोन— संख्या
12— 1417
11— 1356
14— 892
—250 पट्टे अब तक जारी कर चुका है हैरिटेज निगम, 3778 आवेदन आ चुके हैं अब तक


लक्ष्य पूरा होगा तभी होगी जेडीए की तारीफ
मेहनत से साथ काम करने की जरूरत है। पिछले अभियान से अब तक नौ साल में कर्मचारियों की मानसिकता बदली है। फाइल घूमती रहती है। लोगों को तुरन्त लाभ मिले, इसलिए ये अभियान चलाया जा रहा है। जेडीए जब अभियान के दौरान एक लाख का लक्ष्य पूरा कर लेगा, तभी तारीफ होगी। फ़ाइल को बेवजह मत घुमाओ। । सर्कुलर को समझो और पीड़ित व्यक्ति को राहत दो।
—शांति धारीवाल, नगरीय विकास मंत्री
सुनहरे सपने दिखा जनता को सरकार कर रही गुमराह
ग्रेटर नगर निगम के उप—महापौर पुनीत कर्णावट ने कहा कि अभियान में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया है। सुनहरे सपने दिखाकर सरकार जनता को गुमराह कर रही है। अधिकारियों को सर्वेसर्वा बना दिया। इसी वजह से ये हश्र हुआ है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यूडीएच मंत्री के दौरे में भी साफ हो गया है कि कैसे अधिकारी बेवजह फाइलों को रोक रहे हैं। आपत्ति लगा रहे हैं और फाइलों को बेवजह रिजेक्ट कर रहे हैं।
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