प्रमोटी आइएएस अफसर अंतर सिंह नेहरा जयपुर जिले के नए कलक्टर होंगे। वे वरिष्ठ आइएएस अफसर डॉ जोगाराम की जगह इस महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी को संभालेंगे। नेहरा के पास अभी तक बूंदी कलक्टर की ज़िम्मेदारी थी। वहीं डॉ जोगाराम का तबादला करते हुए उन्हें आबकारी विभाग में आयुक्त पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
नेहरा पिछले साल ही आरएएस से प्रमोट होकर वर्ष 2018 के लिए राजस्थान कैडर से आइएएस नियुक्त हुए हैं। बूंदी कलक्टर से पहले वे मुख्यमंत्री के जॉइंट सेक्रेटरी, पीडब्ल्यूडी विभाग सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनका अब तक का ट्रेक रिकॉर्ड अच्छा रहा है।
मुख्यमंत्री का प्रमोटी आइएएस पर ज़्यादा भरोसा!
गौरतलब है कि सीएम गहलोत कई बार सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली से ज़्यादा प्रमोटी आइएएस अफसरों पर भरोसा जता चुके हैं। इसका ताज़ा उदाहर तब देखने को मिला था जब कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए प्रमोटी आइएएस अफसरों को जिलों की कमान थमाई गई थी। सरकार ने नेहरा समेत लगभग 13 प्रमोटी आइएएस अफसरों को जिलों की कमान सौंपी थी।
गौरतलब है कि सीएम गहलोत कई बार सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली से ज़्यादा प्रमोटी आइएएस अफसरों पर भरोसा जता चुके हैं। इसका ताज़ा उदाहर तब देखने को मिला था जब कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए प्रमोटी आइएएस अफसरों को जिलों की कमान थमाई गई थी। सरकार ने नेहरा समेत लगभग 13 प्रमोटी आइएएस अफसरों को जिलों की कमान सौंपी थी।
सरकार ने तब नेहरा को बूंदी का कलक्टर लगाया जबकि प्रमोटी आइएएस रहे कैलाश बैरवा को बांसवाड़ा, यज्ञमित्र सिंह देव को सीकर, मोहनलाल यादव को करौली, चेतनराम देवड़ा को चित्तौड़गढ़ और यूडी खान को झुंझुनू की कमान सौंपी गई। ये पहली बार देखा गया जब सरकार ने एक साथ इतनी बड़ी संख्या में प्रमोटी आइएएस अफसरों को जिलों की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी हो।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत की मंशा है कि जनता से सीधे जुड़े हुए पदों पर ऐसे ही अफसरों को लगाया जाए जो पहले ही फील्ड में रहकर काम कर चुके हों। इसी लिहाज़ से सरकार आरएएस अफसरों की शक्तियां भी समय-समय पर बढ़ा रही है।
वहीं मुख्यमंत्री के प्रमोटी आइएएस पर भरोसे का एक और उदाहरण तब भी देखा गया है जब जयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर जैसे सात महत्वपूर्ण संभागों में कमिश्नर की कमान भी प्रमोटी आईएएस अफसरों को सौंपी गई थी। हालांकि उनमें से कई अफसर अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।