जयपुर। चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae) के असर और बारिश से राजधानी सहित प्रदेश में बिजली सप्लाई बाधित (Power failure) हुई। एक ही दिन में प्रदेश में 5 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। राजधानी में करीब 711 शिकायतें दर्ज की गई। बिजली सप्लाई बाधित होने से कई अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर भी प्रभावित हुए। जयपुर डिस्कॉम (Jaipur Discom) में देर रात तक 33 केवी के 20 ग्रिड सब स्टेशन प्रभावित हुए। 11 केवी के 337 फीडर और 33 केवी के 14 फीडर फेल हो गए। इससे जगह—जगह बिजली सप्लाई बाधित हुई। जयपुर जोन में 356 जीएसएस व फीडर प्रभावित हुए।
बारिश के दौरान राजधानी में कई जगहों पर बिजली गुल हुई। जयपुर डिस्कॉम के कंट्रोल रूम पर बिजली गुल होने की 711 शिकायतें आई। देर रात तक डिस्कॉम कार्मिक बिजली आपूर्ति सुचारू करने में जुटे। रात 10 बजे तक करीब 500 शिकायतें पेंंडिंग रही। हालांकि 11 केवी के फीडरों पर आई ट्रिपिंग की शिकायतों को कुछ ही घंटों में ठीक कर लिया गया। शहर के अस्पतालों और ऑक्सीजन प्लांटों पर कहीं भी बिजली बंद होने की शिकायतें नहीं दर्ज की गई। वहीं तीन जगहों पर ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतें मिली। इनमें वैशाली नगर के विनोबा भावे नगर, मालवीय नगर और झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में ट्रांसफार्मर जले।
अधीक्षण अभियंता एस.के. राजपूत ने बताया कि शहर में 11 केवी और 33 केवी फीडरों की आपूर्ति ठीक रही, 11 केवी फीडरों पर ट्रिपिंग आई, उन्हें कुछ ही देर में ठीक कर लिया गया और बिजली आपूर्ति बहाल की गई। ऑक्सीजन संयंत्रों के साथ-साथ अस्पतालों में भी शून्य ट्रिपिंग देखी गई है। 189 से अधिक टीमें शहर में बिजली आपूर्ति में लगाइ्र गई। वहीं 1210 कार्मिक फील्ड में रहे। उन्होंने बताया कि तूफ़ान तौकते को लेकर जयपुर डिस्कॉम ने 24 घंटे कार्यरत रहने वाले 10 कंट्रोल रूम बना रखे है, जिन पर राउंड दा क्लॉक कनिष्ठ अभियंताओं को तैनात कर रखा है। साथ ही आठ आपातकालीन टीमें भी बना रखी है। पहले ही शहर में पेड़ों की छंटाई का काम कर लिया गया।
कोविड केयर सेंटर में आपूर्ति हुई बाधित जयपुर में बीलवा स्थित राधास्वामी सत्संग परिसर में चल रहे कोविड केयर सेंटर में दोपहर तीन बजे विद्युत सप्लाई बाधित हुई। यहां फीडर में फॉल्ट आ गया। दूसरे फीडर से भी सप्लाई नहीं की जा सकी। इससे करीब 40 मिनट सप्लाई बाधित रही। यहां तत्काल डीजी सेट से बिजली सप्लाई शुरू कर दी गई। यहां करीब 150 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं जो इनमें से 90 से ज्यादा आॅक्सीजन कंसंट्रेटर पर हैं।