जयपुर के कालवाड़ रोड़ निवासी 26 वर्षीय मयंक सिंह ने सीए फाइनल ओल्ड स्कीम में 800 में 489 अंक प्राप्त कर आल इंडिया रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया। मयंक ने बताया कि इससे पहले उन्होंने मई 2017 में सीए फाइनल का एग्जाम दिया था, लेकिन अगस्त 2017 में एक सड़क हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। इसके चलते वह नवंबर 2017 का एटेपट नहीं दे सके।
उन्होंने बताया की इस घटना के कारण उनका शरीर लकवाग्रस्त हो गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने पढ़ाई करना नहीं छोड़ा और आखिरकार सीए फाइनल पास किया। उन्होंने बताया कि स्क्राइब की मदद से उन्होंने पेपर दिया और यह उनका चौथा एटेपट था। मायक अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता नौनीहाल सिंह और ममी नीता सिंह को देते है।
जयपुर के स्टूडेंट्स ने लहराया परचम वहीं, आशिमा राठौड़ ने 444 अंक प्राप्त कर आल इंडिया 13वीं रैंक हासिल की। ओल्ड स्कीम में प्रथम स्थान पर तमिल नाडू, सालेम के इस्साकिराज ए और द्वितीय स्थान पर चेन्नई की श्रीप्रिया आर रही। नई स्कीम में मुंबई की कोमल किशोर जैन ने फस्र्ट रैंक, सूरत के मुदित अग्रवाल ने सेकंड और मुंबई की राजवी भद्रेश नथवाणी ने थर्ड रैंक हासिल की।
सीए फाइनल नई स्कीम के तहत जयपुर की प्रियंका जैन ने 800 में से 578 अंक प्राप्त कर आल इंडिया छठी रैंक हासिल की। इसी प्रकार गुंजन जैन ने 556 अंको के साथ 14वीं रैंक और नारायण झंवर 547 माक्र्स के साथ 18वीं रैंक हासिल की। न्यू कोर्स में ही रौशनी शिवारमणी की ऑल इंडिया 27वीं, हर्ष मित्तल की 33वीं, तन्मय गुप्ता की 35वीं, निखिलेश जैन की 39वीं, निकुंज माहेश्वरी की 42वीं, नैंसी अग्रवाल की 46वीं और यश खंडेलवाल की 48वीं रैंक है।
आइसीएआइ जयपुर चैप्टर के चेयरमैन अनिल कुमार यादव ने बताया कि इस बार जयपुर से ऑल इंडिया रैंक ज्यादा आई हैं और जयपुर का ओवरऑल रिजल्ट भी अच्छा रहा है। सीए ओल्ड सिलेबस में ऑल इडिया का रिजल्ट 5.84 परसेंट और न्यू स्कीम में 14.47 प्रतिशत रहा। वहीं जयपुर चैप्टर का ओल्ड सिलेबस का रिजल्ट 25 परसेंट और न्यू स्कीम का रिजल्ट 40.96 प्रतिशत रहा।
उन्होंने बताया कि ओल्ड सिलेबस में जयपुर चैप्टर के फस्र्ट ग्रुप का रिजल्ट 22.12 और सैकंड ग्रुप का 42.03 प्रतिशत रिजल्ट रहा। दोनों ग्रुप मिला कर 25 प्रतिशत रिजल्ट रहा। वहीं, न्यू स्कीम के फस्र्ट ग्रुप का रिजल्ट 10.27, सैकंड ग्रुप का 33.65 और दोनों ग्रुप का रिजल्ट 40.96 प्रतिशत रहा।