जयपुर। माघ शुक्ल पूर्णिमा पर शनिवार को होली (Holi festival) का डांडा रोपा गया। परकोटे में खजाने वालों का रास्ता स्थित बद्रीनाथजी के चौक में होली का डांडा रोपा गया। इसके साथ ही शहर में अन्य जगहों पर होली डांडा रोपकर परंपरा निभाई गई। होली के गीत गाए गए। वहीं रविवार से फाल्गुन मास शुरू होगा। इसके साथ ही शहर में फागोत्सव का उल्लास शुरू होगा। मंदिरों में ठाकुरजी के समक्ष रचना झांकियां सजाई जाएगी, वहीं फाग के गीत—भजन गाए जाएंगे। हालांकि इस बार कोराना का असर नजर आएगा।
होली के एक माह पहले होली का डांडा रोपा जाता है, इसके बाद फागोत्सव के कार्यक्रम शुरू होंगे, जो एक माह तक चलेंगे। आर्ष संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट की ओर से शनिवार को शाम को खजाने वालों का रास्ता स्थित बद्रीनाथजी के चौक में होली का डांडा पूजन हुआ। डॉ प्रशांत शर्मा के आचार्यत्व में पूजा—अर्चना की गई। गोविंददेवजी मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी, सरस निकुंज के महंत अलबेली माधुरीशरण, महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती सहित अन्य संत—महंतों की मौजूदगी में होली का डांडा रोपा गया।
ये है मान्यता
डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि यह डांडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक है। होली दहन से ठीक पहले इसे सुरक्षित निकाल लिया जाता है। होली का आगाज डांडा रोपण से ही हो जाता है।
डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि यह डांडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक है। होली दहन से ठीक पहले इसे सुरक्षित निकाल लिया जाता है। होली का आगाज डांडा रोपण से ही हो जाता है।