विधायक बोले, सचिन पायलट गुट के लिए पार्टी के दरवाजे बंद करे आलाकमान

विधायकों ने आलाकमान से कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं उनके साथी विधायकों के लिए अब पार्टी के दरवाजे बंद करें।

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जयपुर/ जैसलमेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने आलाकमान से कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं उनके साथी विधायकों के लिए अब पार्टी के दरवाजे बंद करें।

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बैठक में कहा कि पायलट गुट ने पार्टी का नुकसान किया है, उन्हें काफी वक्त दे दिया, फिर भी नहीं लौट रहे, अब उनमें से किसी को वापस नहीं लेना चाहिए। अब पार्टी को उन विधायकों के लिए रास्ते बंद कर देने चाहिए।

धारीवाल के यह कहते सभी विधायकों ने मेज थपथपा कर एवं तालियां बजाकर उनको समर्थन दिया। बैठक में पायलट व उनके गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांगें उठीं। बैठक में दिल्ली से आए नेता रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन एवं अविनाश पांडे भी शामिल हुए।

पायलट व उनके गुट की पैरवी नहीं
सुरजेवाला, माकन एवं पांडे ने विधायकों से कहा कि पायलट और बागियों की अब हाईकमान के सामने पैरवी नहीं की जाएगी। हालांकि अंतिम निर्णय आलाकमान ही करेगा।

हमारी जीत हो चुकी है
जैसलमेर के सूर्यागढ़ होटल में रविवार को हुई इस बैठक में गहलोत ने विधायकों से कहा कि आपके डटे रहने की वजह से हमारी जीत हो चुकी है। यह सब आपकी एकता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि सदन में पूरे विश्वास के साथ चलना है और पूरी मजबूती दिखानी है। जमकर प्रदर्शन करना है।

भाजपा की नैतिक हार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अब ऐसी स्थिति में आ गई है कि जैसे उसने अपनी नैतिक हार मान ली है। जो हमे छोड़कर गए हैं, उनकी स्थिति भविष्य में क्या होगी, वे जानें। भाजपा काफी समय पहले से सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है और अब यह साबित भी हो चुका है। हमारे लिए बाड़ाबंदी करने और फाइव स्टार में ठहराने के लिए कहते थे, लेकिन अब खुद बाड़ाबंदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों की एकता की वजह से भाजपा को बाड़ेबंदी के लिए मजबूर होना पड़ा है।

पूनिया पर निशाना, वसुंधरा का उदाहरण
धारीवाल ने पायलट और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए कहा कि जब कमान अनुभवहीन व बिना अस्तित्व वाले नए लोगों के हाथों में दी जाती है, तो नतीजे सही नहीं होते। भाजपा को देख लो, दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे को पीछे धकेलने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए ये स्थितियां ठीक नहीं हैं।

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