गहलोत ने बागियों को याद दिलाया कांग्रेस धर्म…बताया कौन है सच्‍चा कांग्रेसी

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<p>गहलोत ने बागियों को याद दिलाया कांग्रेस धर्म&#8230;बताया कौन है सच्‍चा कांग्रेसी</p>
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुरू किया चुनाव प्रचार
जयपुर
विधानसभा चुनाव में टिकटों के वितरण के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रचार शुरू कर दिया है। जनसंपर्क के दौरान वे शहर की तीनों विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए पहुंचे। लगातार तीन विधानसभा चुनाव में हार का दंश झेल रही जोधपुर शहर व सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के कार्यालय में पहुंचे, वे कार्यकर्ता व आमजन को संबोधित किया। साथ ही गहलोत ने यहां टिकट कटने से हताश कांग्रेसजनों को कांग्रेस धर्म याद दिलाया। साथ ही संबोधन में कहा कि सच्चा कांग्रेसी वही है, जो मुसीबत के क्षण में भी पार्टी के साथ खड़ा रहे।
सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से जनसंपर्क की शुरुआत
गहलोत ने सुबह सवा ग्यारह बजे सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क की शुरुआत की। पावटा, थलियों का बास, स्टेडियम हज हाउस, उदयमंदिर आसन, पावटा सी रोड कृष्ण मंदिर, सिंधी भुट्टों का बास, नागौरी गेट, बागर चौक, राम मोहल्ला व कलाल कॉलोनी नागौरी गेट क्षेत्र में जनसंपर्क किया। गहलोत पांच घंटे इन इलाकों में घूमे। इसके बाद शहर विधानसभा क्षेत्र के सरदारपुरा स्थित केसी लोन कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसी तरह सूरसागर विस क्षेत्र के चौपासनी रोड नाइयों की बगेची के सामने कार्यालय में जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
बच्चों को दुलारा, किया रोड शो
गहलोत ने अपने विधानसभा क्षेत्र के उदयमंदिर आसन, नागौरी गेट व बागर चौक के इलाकों में सघन जनसंपर्क किया। इस बीच गहलोत बच्चों को दुलारते व उनके साथ फोटो भी खिंचवाते नजर आए।
पूर्व उप महापौर न्याज मोहम्मद कांग्रेस में लौटे
जोधपुर के पूर्व उप महापौर न्याज मोहम्मद की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है। वे गत लोकसभा चुनाव के मतदान से चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में शहर के केसी लोन में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ व्यवसायी आनंद भाटी ठाकर भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। भाटी ने पिछली बार विधायक का चुनाव लड़ा था। पिछले विधानसभा चुनाव में न्याज ने जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने से वे नाराज होकर भाजपा में चले गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद न्याज पार्टी के किसी मंच पर कभी कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आए।
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