मुहाना पुलिस ने बताया कि आरोपी मूलत: फागी व हाल कचनारिया दूदू निवासी बनवारी लाल बैरवा (29) है। नकली पुलिसकर्मी बनकर वह तीन-चार माह से उगाही कर रहा था। सुबह आरोपी सांगानेर रेलवे स्टेशन के पास स्थित टूटी पुलिया के पास कच्चे रास्ते पर पहुंचा। जहां बजरी ले जा रहे वाहनों से रकम वसूली। फिर वाहन चालकों को संदेह हुआ तो पुलिस के हवाले कर दिया।
चुनाव में आजमाई थी किस्मत:
पुलिस ने बताया कि बनवारी लाल ने हाल ही बसपा के टिकट पर निवाई (सुरक्षित) से चुनाव लड़ा था। चुनाव हारने के बाद उसने चांदपोल स्थित पुलिस लाइन के सामने की दुकान से वर्दी खरीदी। नाकाबंदी व गश्त कम होने के वक्त सुबह पांच बजे बाद वह बाइक से सांगानेर व मुहाना क्षेत्र में जाता और दो-ढाई घंटे में वसूली करके लौट आता था। पुलिस की कार्रवाई से बचने के चलते बजरी का अवैध परिवहन करने वाले ट्रक व ट्रॉली चालक उसे रकम दे देते थे। पुलिस ने उससे वर्दी, बाइक व 4-5 हजार रु. जब्त किए।
पुलिस ने बताया कि बनवारी लाल ने हाल ही बसपा के टिकट पर निवाई (सुरक्षित) से चुनाव लड़ा था। चुनाव हारने के बाद उसने चांदपोल स्थित पुलिस लाइन के सामने की दुकान से वर्दी खरीदी। नाकाबंदी व गश्त कम होने के वक्त सुबह पांच बजे बाद वह बाइक से सांगानेर व मुहाना क्षेत्र में जाता और दो-ढाई घंटे में वसूली करके लौट आता था। पुलिस की कार्रवाई से बचने के चलते बजरी का अवैध परिवहन करने वाले ट्रक व ट्रॉली चालक उसे रकम दे देते थे। पुलिस ने उससे वर्दी, बाइक व 4-5 हजार रु. जब्त किए।
एक फीसदी वोट भी नहीं मिले:
आरोपी को चुनावों में एक फीसदी में कम वोट (1534) मिले थे। वहीं, उसकी जमानत भी जब्त हो गई थी। नहीं लगी भनक:
पुलिस मुख्यालय के डिकॉय ऑपरेशन के चलते थाना पुलिस संभल-संभलकर कदम रख रही है। वहीं, बजरी के अवैध परिवहन की सूचना पर ही पुलिस कार्रवाई करती है। इसी का फायदा उठाकर आरोपी तीन माह से उगाही कर रहा था। फिर भी पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
आरोपी को चुनावों में एक फीसदी में कम वोट (1534) मिले थे। वहीं, उसकी जमानत भी जब्त हो गई थी। नहीं लगी भनक:
पुलिस मुख्यालय के डिकॉय ऑपरेशन के चलते थाना पुलिस संभल-संभलकर कदम रख रही है। वहीं, बजरी के अवैध परिवहन की सूचना पर ही पुलिस कार्रवाई करती है। इसी का फायदा उठाकर आरोपी तीन माह से उगाही कर रहा था। फिर भी पुलिस को भनक तक नहीं लगी।