राजस्थान में बिजली का बिल बढ़ा रहा बीपी, लॉकडाउन के बाद थमाए जा रहे हजारों रुपए के बिल

राजस्थान में बिजली का बिल बरसों से उपभोक्ताओं के दिल की धड़कनें बढ़ाता रहा है।

विनोद सिंह चौहान

जयपुर। राजस्थान में बिजली का बिल बरसों से उपभोक्ताओं के दिल की धड़कनें बढ़ाता रहा है। कभी टैरिफ में बढ़ोतरी और कभी अन्य करों के रूप में बिल की राशि पर भार पड़ा है। अब कोरोना काल में बांटे जा रहे बिजली के बिलोंं ने उपभोक्ताओं का बीपी बढ़ा दिया है।

प्रदेश के 14 लाख किसान तो कोरोना और टिड्डी संकट के चलते बिजली के बिल को लेकर पहले ही परेशान चल रहे हैं। उधर, लाखों घरेलू उपभोक्ताओं को थमाया जा रहा बिल भारी पड़ रहा है। हजारों रुपए का बिल आने के बाद उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। उनका कहना है कि बिजली का उपभोग तो कम किया गया है और बिल ज्यादा राशि का थमाया जा रहा है।

वहीं, विद्युत निगम के जिम्मेदार अधिकारियों का तर्क है कि लॉकडाउन के दौरान (अप्रैल व मई ) उपभोक्ताओं ने जमकर बिजली खर्च की है, इसीलिए बिल की राशि ज्यादा लग रही है। विद्युत निगम उपभोक्ताओं को तर्क दे रहा है कि अप्रेल-मई में जो ऑनलाइन बिल भेजे गए वह फरवरी और मार्च यानी सर्दियों के एवरेज बिल दिए गए। अब हाथों हाथ बिल में रीडिंग की राशि आ रही है जो ज्यादा लग रही है।

तीन माह ने उलझाया
कोरोना का कहर शुरू होेने के साथ ही राजस्थान में विद्युत निगम ने फरमान जारी कर दिया था कि मार्च का बिल जमा कराने में सभी तरह के उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी और अंतिम तारीख बढ़ा भी दी थी। उसके बाद विद्युत निगम लाखों उपभोक्ताओं को मार्च व अप्रेल का बिल भेजता रहा और उपभोक्ता उसे आनलाइन भी जमा कराते रहे। लेकिन अब मौके पर जाकर मई का बिल दिया जा रहा है उसे देखकर उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। हजारों रुपए का बिल हाथ में आने के बाद अब शिकायतों का दौर शुरू हो गया है

हॉटस्पॉट में बिल नहीं
विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों की मानें तो फिलहाल हॉटस्पॉट इलाके में किसी भी प्रकार की बिलिंग नहीं की जा रही है। माना तो यह भी जा रहा है की राजधानी जयपुर में रामगंज इलाके में लंबे समय से कर्फ्यू लगा है ऐसे में वहां के उपभोक्ताओं की बिलिंग नहीं हो रही है। लेकिन जैसे ही कर्फ्यू हट जाएगा और हॉटस्पॉट नहीं रहेगा तो सभी से बिल की रकम वसूली जाएगी।

जमकर खर्च की है बिजली
प्रदेशभर के उपभोक्ताओं पर बिजली का भार पड़ने के बाद अब अधिकारी यह कहकर बचने का प्रयास कर रहे हैं कि इस बार अप्रैल व मई में उपभोक्ताओं ने जमकर बिजली खर्च की है इसीलिए हजारों रुपए का बिल आ रहा है। बिल में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी।

किसान कर रहे हैं बिल माफी की मांग
आपको बता दें कि प्रदेश के 14 लाख से अधिक किसान कोरोना काल में संकट से जूझ रहे हैं और उन्होंने विद्युत निगम के सामने बिजली के बिल माफ करने की मांग भी रखी है हालांकि सरकार ने अभी तक बिल की राशि वसूल नहीं की है और 30 जून तक बिल जमा कराने को कहा है उधर किसानों का कहना है किट इंडिया फसल चट कर गई कोरोना में किसानों को भारी नुकसान हुआ है ऐसे में बिजली के बिल माफ होने चाहिए लेकिन इस मामले में भी सरकार लगातार वसूली की बात कहती आ रही है।

उपभोक्ताओं को लॉकडाउन के दौरान मार्च-अप्रेल का बिल चुकाने के लिए ऑनलाइन बिल भेजे गए। उस दौरान सर्दियों की बिलिंग का एवरेज निकालकर बिल ऑनलाइन जमा कराने के लिए कहा गया। अब रीडिंग लेने के साथ हाथों हाथ बिलिंग शुरू की है। रीडिंग के बाद अब जो बिल दिया जा रहा है वह बिल्कुल सही है फिर भी किसी प्रकार की कोई परेशानी है तो उपभोक्ता संबंधित उपखंड कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
— एसके राजपूत, अधीक्षण अभियंता जयपुर शहर

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