रेलयात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, पूर्व की तुलना में 20 मिनट पहले पहुंच सकेंगे गंतव्य स्थल

लंबे इंतजार के बाद अब जयपुर जंक्शन पर भी दिल्ली-मुंबई की तरह बिजली से संचालित होने वाली ट्रेनें दौड़ती नजर आएगी।

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देवेन्द्र सिंह राठौड़
जयपुर। लंबे इंतजार के बाद अब जयपुर जंक्शन पर भी दिल्ली-मुंबई की तरह बिजली से संचालित होने वाली ट्रेनें दौड़ती नजर आएगी। यह सौगात दीवाली तक आमजन के लिए शुरू हो सकती है। 125 साल के जयपुर जंक्शन के इतिहास में पहली बार विद्युतीकृत ट्रेनें चलेगी।

वर्तमान में जयपुर रेल मंडल में विद्युतीकरण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है, जोकि अगले महीने के अंतिम सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद है। रेलवे के अफसरों का दावा है कि, इसके शुरू होने से पूर्व की तुलना में यात्री अपने गंतव्य तक 20 मिनट पहले ही पहुंच सकेंगे।

दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मंडलों में रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम तेजी से चल रहा है। जोन में करीब 1814 किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। इसके अंतर्गत कनकपुरा से मदार, बस्सी से बांदीकुई, बांदीकुई से अलवर-रेवाड़ी समेत कई रेलवे लाइनों का काम पूरा हो गया है।

बात करें, जयपुर की तो, यहां बस्सी से जयपुर और कनकपुरा के बीच काम अंतिम दौर में चल रहा है। जोकि, अगले महीने में पूरा हो जाएगा। जयपुर जंक्शन(यार्ड) पर लाइनें अधिक होने के कारण काम में ज्यादा वक्त लग रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जयपुर जंक्शन पर बीते साल यार्ड के रिमोडलिंग होने की वजह से विद्युतीकरण के काम मे देरी हुई और फिर लॉकडाउन हो गया।

कनकपुरा से मदार (अजमेर), बांदीकुई से बस्सी पर सीआरएस निरीक्षण भी हो चुका है। यहां काम पूरा होने के बाद महज सीआरएस निरीक्षण ही बाकी है, जोकि नवंबर के पहले सप्ताह तक होने के संकेत है। ऐसे में दिवाली तक जयपुर जंक्शन से दिल्ली-अजमेर-कोटा-रींगस लाइन पर ट्रेनें बिजली के इंजन से संचालित होगी।

मारवाड़ में भी विद्युतीकरण, सीआरएस भी पूरा
रेलवे अधिकारियों के अनुसार मारवाड़ के जोधपुर, बाड़मेर व जैसलमेर इलाके में भी 2189 किमी रेलमार्ग विद्युतीकृत होंगे। इनमें मेड़ता, जोधपुर, फुलेरा, डेगाना से रतनगढ़ आदि शामिल है। इनके अलावा भटिंडा-हनुमानगढ़ रेलमार्ग, मावली-उदयपुर, सुरतगढ़ से बिडवाल रेलमार्ग पर सीआरएस निरीक्षण हो चुका है।

विद्युतीकरण की स्थिति
– जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग
बस्सी-जयपुर-कनकपुरा(40 किमी.) अक्टूबर में पूरा हो जाएगा। केवल जयपुर यार्ड में काम ही शेष है।

– जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई
मदार से दोराई बायपास (53 किमी) में फाउंडेशन का काम चल रहा है। यह नवंबर में पूरा होगा।

बांगडग्राम से गुडिया (47 किमी) में फाउंडेशन का काम चल रहा है। यह दिसंबर में पूरा होगा।

स्वरूपगंज-मावल (40 किमी) दूरी में महज तारों की खींचने का काम चल रहा है। अक्टूबर में काम पूरा होगा।

-जयपुर-सवाई माधोपुर रेलमार्ग
शिवदासपुरा से जयपुर जंक्शन (29 किमी) में तार का काम शेष है। अक्टूबर में हो जाएगा़।

– जयपुर-रींगस रेलमार्ग
57 किमी रेलमार्ग में विद्युतीकरण का काम चल रहा है। नवंबर तक पूरा हो जाएगा।

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