लॉकडाउन वाली ईद कुछ इस तरह से मनी…

Lock down in Rajasthan…जयपुर पुलिस ने कुछ दिन पहले से ही जमातुल विदा की नमाज और ईद की नमाज के लिए धर्म गुरुओं से बातचीत कर वीडियो जारी किए गए थे। धर्मगुरुओं ने अपील की थी हर पूरे रमजान महीने में जिस समय से लॉकडाउन के नियमों का संयम रखते हुए पालन किया गया है इस त्योंहार पर भी ऐसा ही किया जाए।

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जयपुर
ईद का त्योंहार भी कोरोना और लॉकडाउन का शिकार हो गया। पूरे महीने रोजे रखने के बाद भी रोजेदार और अन्य लोग मस्जिदों में इबादत करने से महरूम रह गए। न तो ईद की शॉपिंग ही हो सकी और न ही ईद पर आज एक दूसरे को गले मिलकर बधाई ही दे सके। लोगों का कहना था कि ईद के समय यह पहला मौका है जब ऐसा हो रहा है। बच्चों तक को कपड़े नहीं दिलाए जा सके और न ही सेवईयां और अन्य सामान खरीदा जा सका। उधर ईद के मौके पर जयपुर पुलिस ने भी भारी बंदोबस्त कर रखा है। ईदगाहों और मस्जिदों के आसपास भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है जिससे लॉकडाउन के नियमों का पालन कराया जा सके।
काम आई धर्मगुरुओं की अपील, घरों में ही सदर की नमाज
जयपुर पुलिस ने कुछ दिन पहले से ही जमातुल विदा की नमाज और ईद की नमाज के लिए धर्म गुरुओं से बातचीत कर वीडियो जारी किए गए थे। धर्मगुरुओं ने अपील की थी हर पूरे रमजान महीने में जिस समय से लॉकडाउन के नियमों का संयम रखते हुए पालन किया गया है इस त्योंहार पर भी ऐसा ही किया जाए। लोगों ने भी निमयों का पालन किया और उसके बाद घरों से ही जमातुल विदा की नमाज पढ़ी। आज सवेरे ईद के मौके पर सदर की नमाज भी लोगों ने घरों से ही पढी।
गले लगकर नहीं फोन से दी बधाई
इस बार पहली दफा लोगों ने सदर की नमाज के बाद एक दूसरे को गले लगकर बधाई नहीं दी। कारण न तो एक जगह जमा हुए और न ही नमाज पढ सकें। ऐसे में लोगों ने घरों से ही एक दूसरे को मोबाइल फोन पर बधाई दी। लोगों का कहना था कि कोरोना ने त्योंहार का रंग ही छीन लिया। पहले गले लगकर ईद की बधाई मिलती थी और इस बार विडियो कॉल और फोन से ही संतुष्ट होना पड रहा हैंं । बीमारी ने सारे रंग बिगाड़ दिए।
भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच हुई नमाज
उधर जयपुर पुलिस के लिए आज सबसे बडी चुनौती रही। रमजान के चारों शुक्रवार और ईद पर इस बार पुलिस की जो सख्ती रही वह काम आई। पुलिसकर्मियों के अनुसार जामा मस्जिद और ईदगाह पर हर बाद ईद पर लाखों लोग नमाज पढ़ते थे। खुद सरकार उनके लिए बंदोबस्त करती थी और दुकानमालिक भी उनकी मदद करते थे। लेकिन इस बार बाजार सूने हैं, मस्जिदों के सामने कोई नमाजी नहीं हैं लोगा नियमों का पालन कर रहे हैं। हांलाकि शहर की हर मस्जिद और ईदगाह पर अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त किया गया है। सिर्फ चुनिंदा खिदमतगारों को ही मसिजद में जाकर नमाज पढ़ने की अनुमति मिली है।
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