कर्तव्य पहले और अधिकार दूसरे नंबर पर रखने चाहिए- DP Sharma

कम्प्यूटेशनल परफॉरमेंस इवैल्यूएशन पर हुए इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर डी पी शर्मा ने रखे विचार

<p>Dr. Dp Sharma </p>
सुरेंद्र बगवाडा , जयपुर

दुनिया के विकास और विनाश 360 डिग्री में फैले हुए हैं। हम केवल 180 डिग्री फ्रंट एंड ही देख पा रहे है। कोई संदेह नहीं है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ( science and technology ) के तेजी से विकास से जितने सकारात्मक अवसर पैदा हुए, उतनी बहुत बड़ी चुनौतियां भी पैदा हुई है। इन्हें हम लंबे समय से नजर अंदाज कर रहे है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के 180 डिग्री का डार्क साइड परिणाम कोविड महामारी ( covind 19 ) के बाद धीरे—धीरे सतह पर आने लगा है। मशीन एवं रोबोट्स मानव को चुनौती देकर रोजगार छीन रहे है। कारण है उन पर वायरस का असर नहीं होता।
यह कहना है आईएलओ ( ILO ) यूनाइटेड नेंशस के इंटरनेशनल आईटी एडवाइजर जयपुर के प्रोफेसर डीपी शर्मा का। उत्तर—पूर्वी हिल केंद्रीय विश्वविद्यालय शिलॉन्ग की ओर से कम्प्यूटेशनल परफॉरमेंस इवैल्यूएशन पर हुए इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में उन्होंने विचार रखे। शर्मा ने ‘पोस्ट कोविद प्रौद्योगिकी व्यवधान और मानव जीवन रक्षा मॉडल’ पर बात कहीं।
प्रो. शर्मा ने कहा कि ईश्वर ने उपयोगी, सार्थक, और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए जीवन दिया है। हमनें ही स्वयं के बनाए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अतार्किक कुचक्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वापस तो नहीं लौट सकते, लेकिन दुष्प्रभावों को कम कर सकते है। अब हमारे कर्तव्य पहले और अधिकार दूसरे नंबर पर रखने चाहिए। पर उलटा कर रहे है।
इसमें वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और रिसचर्स को एक मंच पर लाकर इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, नेटवर्किंग, साइबर-भौतिक प्रणाली, उच्च-प्रदर्शन कम्प्यूटिंग, सुरक्षा और नियंत्रण, संचार, उत्पादन, और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, पावर इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटिंग के अन्य क्षेत्रों में और स्वास्थ्य देखभाल अनुप्रयोगों में प्रबंधन पर चर्चा करना उददेश्य रहा।
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