केन्द्र से रिडको के गठन को मंजूरी, दोनों सरकारों में समझौता जल्द

— डीएमआइसी विकास का मामला, एसएसए और एसएचए भी स्वीकृत
 

<p>केन्द्र से रिडको के गठन को मंजूरी, दोनों सरकारों में समझौता जल्द</p>
जयपुर. प्रदेश की सबसे बड़ी औद्योगिक विकास परियोजना दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को लेकर अच्छी खबर है। कॉरिडोर को गति देने के लिए प्रस्तावित नए राजस्थान इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (रिडको) के गठन को बुधवार को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले सप्ताह ही रिडको के तौर पर परियोजना के स्पेशल पर्पज व्हीकल के गठन को मंजूरी दे चुके हैं।
केन्द्र के नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंपलिमेंटेशन ट्रस्ट (एनआइसीडीआईटी) की रीको के साथ बुधवार को हुई वर्चुअल बैठक में कॉर्पोरेशन के शेयर होल्डर एग्रीमेंट और स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट के प्रारूप भी मंजूर कर लिए गए। उद्योग सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर ने बताया कि जल्द ही दिल्ली से केन्द्रीय ट्रस्ट की टीम जयपुर आएगी, जहां शेयर होल्डर्स और स्टेट सपोर्ट समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। नए कॉर्पोरेशन में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रीको की और 49 प्रतिशत एनआइसीडीआईटी की होगी। स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट में राज्य सरकार परियोजना के लिए सहायता का भरोसा केन्द्र को देगी।
वर्षों बाद पूरी हुई आस

गौरतलब है कि बीते करीब छह—सात वर्षों से परियोजना के तहत केन्द्र से राजस्थान को सिर्फ इसलिए पैसा नहीं मिल पा रहा था, क्योंकि हमारे यहां एसपीवी गठित नहीं हुआ था। अब राज्य सरकार परियोजना साझेदारी में अवाप्त भूमि को लैंड इक्विटी के तौर पर कॉर्पोरेशन को समर्पित करेगी। फिर इसी आधार पर केन्द्र फंडिंग करेगा।
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