सुरक्षा के बिना विकास असुरक्षित: डॉ. चिदंबरम

नेशनल टेक्नोलॉजी डे कलपूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ.आर चिदंबरम के साथ ‘परमाणु शक्ति के रूप में भारत पर चर्चा

<p>सुरक्षा के बिना विकास असुरक्षित: डॉ. चिदंबरम</p>


जयपुर 9 मई
नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाने के लिए केंद्र सरकार के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ.आर चिदंबरम के साथ रविवार को चर्चा का आयोजन किया गया। चिदंबरत पोखरण परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों में से एक थे। उन्होंने आईएएस लिटरेरी सेक्रेटरीए आईएएस एसोसिएशन राजस्थान मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा की। कार्यक्रम आईएएस लिटरेरी सोसाइटी राजस्थान के फेसबुक पेज पर आयोजित किया गया था। चर्चा के दौरान डॉ. चिदंबरम ने परमाणु शक्ति के रूप में भारत , भारत में परमाणु संयंत्रों का संचालन और निर्माणाधीन परमाणु संयंत्र, परमाणु ऊर्जा का भविष्य, पहला एवं दूसरा पोखरण परीक्षण और प्रौद्योगिकी दूरदर्शिता के बारे में विस्तार से बात की।
परमाणु शक्ति के रूप में भारत पर बात करते हुए डॉ. चिदंबरम ने कहा कि भारत में परमाणु ऊर्जा अत्यधिक विकसित है और दुनिया के अधिकांश विकसित देशों से तुलना के योग्य है। भारत जैसे देश रिसर्च डवलपमेंट और इनोवेटिव ईकोसिस्टम की तलाश कर रहे हैं। भारत को बेसिक रिसर्च , अप्लाइड रिसर्च, टेक्नोलॉजी डवलपमेंट, आर एंड डी. के नेतृत्व वाले नवाचार के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले विनिर्माण कौशल में उत्कृष्ट बनने की जरूरत है। भारत में औपचारिक युद्ध लडऩे और जीतने की क्षमता, छोटे टकरावों के दौरान दुश्मनों को खत्म करने और परमाणु निरोध की क्षमता रखने का सामथ्र्य होना चाहिए। सुरक्षा के बिना विकास असुरक्षित है और विकास के बिना सुरक्षा का कोई अर्थ नहीं है। स्वीकृत प्राप्त शक्ति का सबसे अधिक फायदा इसका उपयोग करने में नहीं है।
परीक्षण टीम के प्रयासों का नतीजा
1998 के पोखरण परीक्षण पर प्रकाश डालते हुएए उन्होंने आगे कहा कि ये परीक्षण टीम के उत्कृष्ट प्रयासों का नतीजा था। यह सर्वमान्य है कि भारत का परमाणु हथियार विकास आत्मनिर्भरता पर आधारित है। परीक्षण अपने साइंटिफिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रहे। सावधानीपूर्वक नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला ने अधिक आत्मविश्वास से डिजाइन करने और परमाणु हथियार बनाने की क्षमता प्रदान की। भारत को परमाणुए, स्पेस और डिफेंस, नैनोटेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ग्रामीण विकास से संबंधित टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में तकनीकी दूरदर्शिता विश्लेषण करने की आवश्यकता है।
विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले बच्चों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, हमेशा महत्वपूर्ण समस्याओं पर काम करना सीखो। एक ऐसे शिक्षक से सीखने की कोशिश करें जो अपनी विद्वता और शोध के लिए सम्मानीय है। आप उनके व्याख्यान ऑनलाइन भी सुन सकते हैं। जो आप करते हैं उसके लिए जुनून रखें, अपनी प्रतिभा को पहचाने और इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करें। अंत में उन्होंने कहा कि, हमेशा भारत पर विश्वास रखें।
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