चार माह पहले मिली सीएम की मंजूरी, फिर भी नहीं बदला ‘उद्योग’ का नाम

— केन्द्र की तर्ज पर राज्य में भी बदला जाना है विभाग का नाम, उच्च स्तर से अनुमोदन के बाद भी टेबलों पर घूम रही फाइल

<p>चार माह पहले मिली सीएम की मंजूरी, फिर भी नहीं बदला &#8216;उद्योग&#8217; का नाम</p>
जयपुर. केन्द्र और राज्य में सही तालमेल के लिए उद्योग विभाग का नाम बदलने की कवायद सरकारी विभागों के बीच फुटबॉल बन गई है। लालफीताशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए चार का लंबा समय बीत गया। लेकिन सरकारी अधिकारी महज नाम बदलाव की अधिसूचना जारी नहीं कर पा रहे।
दरअसल, केन्द्र सरकार ने जनवरी 2019 में उद्योग मंत्रालय का नाम बदल कर उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग कर दिया। देश के 18 राज्य इसी अनुरूप अपने यहां विभाग का नाम बदल चुके। राजस्थान में भी विभाग का नाम उद्योग एवं वाणिज्य विभाग किया जाना है। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा की मंजूरी के बाद खुद मुख्यमंत्री स्तर से 23 मार्च को ही प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार उद्योग विभाग से अंतिम तौर पर फाइल करीब 20 दिन पहले मंत्रिमंडल सचिवालय में भेज दी गई, लेकिन वहां जाकर अटक गई।
प्रस्ताव में कहा गया है कि बीते समय में उद्योग विभाग और जिला उद्योग केन्द्रों की कार्यप्रणाली बदली है। लघु, सूक्ष्म, मध्यम एवं वृहद उद्योगों के साथ सेवा क्षेत्र एवं वाणिज्यिक गतिविधियों का विकास भी इसमें शामिल हुए हैं। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नाम बदलने से निर्यात, लॉजिस्टिक जैसे क्षेत्रों में केन्द्र की योजनाओं का क्रियान्वयन सुलभ होगा।
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