उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आ रही है। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि अब तक आरटीपीसीआर टेस्ट ही खरा साबित हुआ है। आइसीएमआर द्वारा सुझाए एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव को नेगेटिव और नेगेटिव को पॉजिटिव बता रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से एंटीजन किट की लगातार मांग कर ही है, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
उन्हें डर है कि कहीं एंटीजन टेस्ट का भी हाल रैपिड टेस्टिंग किट जैसा ना हो, जिसे राजस्थान द्वारा खारिज किए जाने पर पूरे देश भर में प्रतिबंध लगाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों से कोरोना जांच की सुविधा लेना जान जोखिम में डालना जैसा है। शर्मा ने कहा कि अजमेर में भी जल्द प्लाज्मा थैरेपी शुरू होगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए एन्टीजन आधारित रेपिड टेस्ट की बजाय आरटी-पीसीआर जैसे भरोसेमन्द टेस्ट किट से ही जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की जिन्दगी और मौत के सवाल पर सस्ते एन्टीजन टेस्ट किट का इस्तेमाल नहीं करेगी, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस किट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
गहलोत ने कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बड़े स्तर पर अपनाया जाए। इसके लिए इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके मरीजों को प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित करने के लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में अभियान चलाया जाए। सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मृत्युदर 1.53 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 प्रतिशत से काफी कम है।