देश-विदेश के 500 ज्योतिष ने कोरोना महामारी पर किया मंथन

राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, गांधी नगर में दो दिवसीय वेबिनार (आॅनलाइन कॉन्फ्रेंस) (Online conference) का आयोजन किया गया, जिसमें वीडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से देश-विदेश के 500 से ज्यादा ज्योतिषियों (Astrologers) और शिक्षाविदों ने कोरोना महामारी (COVID-19) को लेकर मंथन (Brainstorm) किया। इसमें कोरोना महामारी और इसके साइड इफेक्ट्स पर चर्चा के साथ ही इसके सामाजिक व आर्थिक समस्याओं एवं उनके निराकरण पर चिन्तन किया गया।

<p>देश-विदेश के 500 ज्योतिष ने कोरोना महामारी पर किया मंथन</p>
देश-विदेश के 500 ज्योतिष ने कोरोना महामारी पर किया मंथन
— वेबिनार में ज्योतिषियों ने कहा- कोरोना के दुष्प्रभाव मानसिक, आर्थिक व सामाजिक भी होंगें

जयपुर। राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, गांधी नगर में दो दिवसीय वेबिनार (आॅनलाइन कॉन्फ्रेंस) (Online conference) का आयोजन किया गया, जिसमें वीडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से देश-विदेश के 500 से ज्यादा ज्योतिषियों (Astrologers) और शिक्षाविदों ने कोरोना महामारी (COVID-19) को लेकर मंथन (Brainstorm) किया। इसमें कोरोना महामारी और इसके साइड इफेक्ट्स पर चर्चा के साथ ही इसके सामाजिक व आर्थिक समस्याओं एवं उनके निराकरण पर चिन्तन किया गया।
ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों ने एकमत से राय रखी कि कोराना से पीड़ित व्यक्तियों के साथ हमें प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि यह रोग शारीरिक है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव मानसिक व सामाजिक भी हो रहे है। ज्योतिष व कर्मकाण्ड के पहलुओं पर विचार करते हुए निष्कर्ष निकाला गया कि सितम्बर तक इस रोग के प्रभाव कम होंगे एवं शीघ्र ही इसका निराकरण होगा। योग, ध्यान व मंत्र चिकित्सा द्वारा इसका निदान संभव है। जल्द ही इस समस्या का ग्रहचाल के अनुसार समाधान होगा।
वेबिनार में विद्वानों ने चर्चा के दौरान ग्रह स्थिति का आंकलन कर 11 मई से 24 सितम्बर तक भूकंप, साम्प्रदायिक तनाव, सुनामी सहित अनेकों प्रकार के प्राकृतिक आपदा की भी संभावना जताई है। ज्योतिषाचार्य डॉ. शालिनी सक्सेना ने बताया कि 21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण अत्यंत संवेदनशील है, मिथुन राशि में होने वाले ग्रहण के समय मंगल मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चन्द्रमा और राहु को देखेंगे जो अशुभ संकेत है। इसी ग्रहण के समय बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु वक्री रहेंगे। ये स्थिति पुरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी। ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाओं से जन-धन की हानि होगी।
वेबिनार प्राचार्य डॉ. भास्कर शर्मा ‘श्रोत्रिय’ के मार्गदर्शन में हुई। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्कृत शिक्षामंत्री डॉ. सुभाष गर्ग एवं संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनुला मौर्य के संरक्षण में किया गया। डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि वेबिनार में नेपाल से डॉ. प्रियम्वदाम्बा काफ्ले, इंग्लैण्ड से डॉ. विवेकानंद, जम्मू से प्रो. वासुदेव शर्मा, नागौर से डॉ. हेमंत कृष्ण मिश्र, दिल्ली से डॉ. प्रेम कुमार, पंजाब से अभिषेक व हरदीप सहित डॉ. नरोत्तम पुजारी, प्रो. विनोद शास्त्री, पं. कैलाश चन्द्र शर्मा, पं. चन्द्रशेखर शर्मा, डॉ. मनोज लोढ़ा, उमेश दास, लता श्रीमाली अनिल स्वामी, शालिनी सालेचा, डॉ. आलोक शर्मा, डॉ. हंसराज शर्मा, सत्यनारायण शर्मा सहित 500 से अधिक विद्वान शामिल हुए।
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